10th ,12th के स्टूडेंट्स ले रहे करियर काउंसलर्स की सलाह

Student of class 10th and 12th taking advice from career counselor
10th ,12th के स्टूडेंट्स ले रहे करियर काउंसलर्स की सलाह
10th ,12th के स्टूडेंट्स ले रहे करियर काउंसलर्स की सलाह

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दसवीं और बारहवीं के बाद करियर और आगे की पढ़ाई को लेकर बच्चों में उलझन आम है। इस दौरान शहर के करियर काउंसलर्स के पास पहुंचने वाले बच्चों व उनके परिजनों की संख्या समान्य दिनों की तुलना में काफी बढ़ जाती है। करियर काउंसलर रीता अग्रवाल के अनुसार दसवीं और बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए विषयों के चुनाव को लेकर बच्चे दुविधा में रहते हैं। कई बार बच्चे जिन विषयों की पढ़ाई करना चाहते हैं, अभिभावक उससे सहमत नहीं रहते हैं। इसके साथ ही कॉलेज के चुनाव को लेकर भी काफी सवालों के जवाब के लिए बच्चे किसी विशेषज्ञ की सलाह चाहते हैं। करियर को लेकर पेशेवर काउंसलर्स से सलाह लेने का चलन पिछले कुछ वर्षों में शहर में तेजी से बढ़ा है।

केस-1 
दसवीं में 91 फीसद अंकों के साथ पास हुई कोयल रुघवानी की कविताएं लिखने में रुचि है। दोस्त और अभिभावक 11वीं में विज्ञान विषय लेने की सलाह दे रहे हैं। वह पसोपेश में है। रुचि के अनुसार आगे की पढ़ाई कला विषय में करें या परिजनों की सलाह मान कर विज्ञान चुनें। 

केस- 2
अरविंद को गणित पसंद है, लेकिन फिजिक्स नहीं। वह इंजीनियरिंग के बजाए गणित में आगे की पढ़ाई करना चाहता है। परिजन उसे अगले साल फिर इंजीनियरिंग की एग्जाम्स में शामिल होने की सलाह दे रहे हैं।  

अपनी रुचि को दें अहमियत
करियर काउंसलर्स के अनुसार बच्चों को चलन या दोस्तों के साथ से ज्यादा अपनी पसंद को अहमियत देनी चाहिए।  अगर किसी को 10वीं में 90 फीसदी मार्क्स आए हैं, तो उसे आसानी से साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम मिल सकती है, लेकिन अगर रुचि आर्ट्स में है, तो बिना लोगों की परवाह किए आर्ट्स स्ट्रीम को चुनना चाहिए। निश्चित रूप से आगे वह जितना बेहतर आर्ट्स में कर पाएगा, उतना साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में नहीं कर सकता है। 

सीबीएसई की विशेष हेल्पलाइन
सीबीएसई की ओर से तीन मई से विशेष हेल्पलाइन शुरू की गई है। टोल फ्री नंबर 1800118002 पर विद्यार्थी या अभिभावक 16 मई तक परामर्श ले सकते हैं। इस नंबर पर सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक सीबीएसई स्कूलों के 72 प्राचार्यों को विशेष रूप से परामर्श देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

दुविधा नहीं होनी चाहिए
आगे की पढ़ाई के लिए विषयों के चयन को लेकर बच्चों में काफी दुविधा होती है। खासकर एेसे बच्चे, जिन्होंने परीक्षा में औसत से बेहतर प्रदर्शन किया हो और आगे कॉमर्स या ह्यूमैनिटीज की पढ़ाई करना चाहते हैं, उन्हें अपने कैरियर में आगे आने वाली चुनौतियों को लेकर कई सवाल होते हैं। इसके साथ ही उनके अभिभावक उन्हें खास स्ट्रीम की पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं। इससे उनकी दुविधा बढ़ जाती है। बारहवीं के बाद कॉलेज का चयन बच्चों के लिए सबसे ज्यादा दुविधा उत्पन्न करने वाला सवाल हाेता है।
-रीता अग्रवाल, करियर काउंसलर

विशेषज्ञों की सलाह
साइंस स्ट्रीम : साइंस स्ट्रीम में जाने वाले छात्रों को इंग्लिश, फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य विषय के रूप में लेने होते हैं। इसके अलावा, उनके पास विकल्प होता है कि वे एक वोकेशनल सब्जेक्ट के साथ बायोलॉजी चुन लें या मैथ लें। वे बिना वोकेशनल सब्जेक्ट के बायोलॉजी और मैथ भी चुन सकते हैं। जिन स्टूडेंट्स ने यह तय कर लिया है कि उन्हें 12वीं के बाद इंजीनियरिंग करनी है, उन्हें मैथ चुनना चाहिए। जो मेडिकल लाइन में जाना चाहते हैं, उन्हें बायोलॉजी रखनी चाहिए। अगर किसी को बायो टेक्नोलॉजी या नैनो टेक्नोलॉजी जैसा कोई तकनीकी कोर्स करना है, तो उसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ और बायोलॉजी का कॉम्बिनेशन लेना चाहिए। 

कॉमर्स स्ट्रीम
कॉमर्स स्ट्रीम में जाने वाले छात्रों को अकाउंट्स, बिजनेस स्टडीज, इंग्लिश, इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं। इसके अलावा मैथ ले सकते हैं और अगर मैथ लेना नहीं चाहते, तो इसकी जगह सोशियोलॉजी या साइकोलॉजी में से कोई एक विषय ले सकते हैं। 
ह्यूमैनिटीज (आर्ट्स) : इसमें अनिवार्य विषय हैं इंग्लिश और एक सेकंड लैंग्वेज जैसे फ्रेंच, संस्कृत या हिंदी। वैकल्पिक विषयों में शामिल हैं पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी , ज्यॉग्राफी, साइकोलॉजी, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री आदि।
 

Created On :   13 May 2019 8:14 AM GMT

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