कैनवास पर उकेरी भावनाएं, एक्जीबिशन में छाया आर्टिस्टों का टैलेंट

The artists of the city have teamed up with Contemporary Delight Paintings
कैनवास पर उकेरी भावनाएं, एक्जीबिशन में छाया आर्टिस्टों का टैलेंट
कैनवास पर उकेरी भावनाएं, एक्जीबिशन में छाया आर्टिस्टों का टैलेंट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  शहर के आर्टिस्टों ने मिलकर कंटेम्प्रेररी डिलाइट पेंटिंग, ग्राफिक्स और स्कल्पचर्स  आर्ट ग्रुप बनाया है, जिससे वे कला को नया आयम दे सकें। इन कलाकारों में कोई पेंटर हैं, तो कोई ग्राफिक आर्टिस्ट और स्कल्पचर आर्टिस्ट है। हाल ही में आर्ट वर्क एक्जीबिशन लगी थी। कला के सूक्ष्म बिंदु अौर लकीरें रंग संयोजन के साथ दिल से निकली बात को बढ़ाते हैं ये कलाकार। कला की सृजन की पीड़ा के क्षण, सामाजिक सीमाओं को कलाकार कैसे कैनवास पर उकेरता है, ये इन कलाकारों को खूब आता है। इन कलाकारों ने कला के जरिए अपनी भावना को अाकार दिया, जो पेंटिंग्स में दिखाई देती हैं। इनकी कलाकृतियों में  प्रयोग के लिए चित्र, बुद्ध के साथ यात्रा, समकालीन कला शामिल है। 

कलाकारों की भावनाएं
कलाकार वैशाली पखाले कहती हैं कि उनकी पेंटिंग से महात्मा बुद्ध का अहसास होता है। महात्मा बुद्ध पर बनाई हर पेंटिंग में रंगों से इतिहास लिखा है। आर्ट की बारीकियों से अपने खास अंदाज में पोर्ट्रेट बनाती हैं वैशाली पखाले। कलाकार अनिरुद्ध पुंडकर पारंपरिक और लघु चित्र शैली के पेंटिंग बनाते हैं, वहीं मनीष बोबडे निसर्ग को उकेरते हैं। उन्होंने अपने चित्र ब्राइट कलर में ही उकेरे हैं। उन्होंने अपनी कला को प्रकृति को समर्पित किया है। तीसरे कलाकार चंद्रशेखर बाघमारे के चित्र ग्राफिक्स पर आधारित हैं, जो दैनिक जनजीवन को प्रेजेंट करते हैं।   कंटेम्प्रेरेरी रावण के माध्यम से जो समाज में घटित हो रहा है उसे बताने की कोशिश की है।

पेंटिंग के जरिए मेडिटेशन
ध्यानेश्वर रंधई ने टेक्सटाइल के फैब्रिक कलर्स टाई एंड डाय का उपयोग किया है। परंपरावादी पद्धति से संस्कृति को प्रजेंट किया है। प्रफुल्ल डेकाटे ने निसर्ग को चित्रित किया है। श्रीकांत वानखेडे ने भी एक्रेलिक पर सिटी नाइट को उकेरा है कि एक शहर रात में कैसा दिखाई देता है। उन्होंने एक्रेलिक रंगों को बिखेरा है। तेजस्वनी सोनवणे ने ग्राफिक्स पर प्रिटं पर ईचिंग ए माइग्रेट बनाई है, जिसे बेहद सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है।  नीलेश रहमतकर ने पंरपरा को उकेरा है। पी. अलेनिचझीयन ने रूटस्टर ब्रास में प्रजेंट किया है  व वी. रवींद्रन ने स्क्लपचर पर ब्रोंच पर काम किया है। उन्होंने ब्रेकिंग द बैरियर्स ब्रोंच ऑन ग्रेनाइट के जरिए कल्पना को पिरोया है। सुनीता वधावन ने मेडिटेशन को अपनी थीम बनाई है और वे संयम, ध्यान और धारण के विषयों को अपने कैनवास पर उकेरती हैं। पेंटिंग में एक औरत के जज्बात और इंतजार को दिखाया है। उन्होंने अपनी पेंटिंग्स के जरिए योग के विभिन्न रूपों  को दर्शाने की कोशिश की है।

Created On :   23 Oct 2018 8:36 AM GMT

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