नागपुर में फैला सोना-चांदी हवाला का कारोबार

the business of gold silver hawala is spreading in the Nagpur city
नागपुर में फैला सोना-चांदी हवाला का कारोबार
नागपुर में फैला सोना-चांदी हवाला का कारोबार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हवाला कारोबार से इन दिनों नागपुर का नाम भी सुर्खियों में है। सोना-चांदी हवाला की बात हो तो सबसे पहले नागपुर का ही नाम आ रहा है। गहनों की कालाबाजारी व मनी हवाला की सुविधा को देखते हुए यहां बाहर के कई बड़े कारोबारी भी आने लगे हैं। खास बात यह है कि कई बार खुलासे होने के बाद भी यह काला कारोबार थम नहीं रहा है। रविवार को नागपुर रेलवे स्टेशन पर सोना चांदी के साथ पकड़े गए कुरियर बाय के मामले के साथ यहां फिर से हवाला कारोबार चर्चा में हैं। सोना-चांदी हवाला के मामले में इसी वर्ष अप्रैल माह का पूर्व वर्धमान नगर का घटनाक्रम एक तरह से पूरे कारोबार की तस्वीर पेश करता है। रायपुर की ओर से आई डस्टर कार में पुलिस के दश्ते ने छापेमारी की थी। पहले तो करोड़ों का हवाला कारोबार उजागर होने की खूब चर्चा हुई। बाद में उसी मामले में 5 करोड़ की लूट-पाट के आरोपों के साथ सहायक पुलिस निरीक्षक व 2 सिपाहियों को पकड़ा गया। मामले को लेकर चल रही चर्चाओं में यह भी पता चला कि नागपुर में हवाला कारोबार में पुलिस के अलावा अन्य कुछ विभागों के कर्मचारी, अधिकारी भी लिप्त हो जाते हैं। डस्टर कार वाले मामले में यह भी खुलासा हुआ था कि मुंबई व रायपुर के बीच सोना चांदी लेन देन व हवाला का केंद्र नागपुर ही है। इसलिए रायपुर की एक ज्वेलरी कंपनी के माध्यम से यहां करोड़ों रुपया लाया गया था।

वर्धमान नगर में जिस केसानी के लिए रुपया भेजा गया था, वह भी सराफा कारोबारी है। यहां जगदीश, मनीष,ठक्कर, लाखोटिया व अग्रवाल जैसे नाम उपनाम हवाला कारोबार में सबसे अधिक चर्चित रहे हैं। लेकिन अब एेसे भी कई नाम सामने आने लगे हैं, जिनका संबंध राजनीति के अलावा वित्तीय संस्थाओं से है। इतवारी, गांधीबाग, वर्धमाननगर ही नहीं अब तो सोना चांदी हवाला के सेंटर धरमपेठ, मनीषनगर में भी खुलने लगे हैं। हवाला कारोबार के जानकार सूत्र का कहना है कि नागपुर में कच्चे में ज्वेलरी खरीदी व हवाला के माध्यम से भुगतान की ऐसी सुविधा है कि कई अपराधी भी यहां सोना चांदी बेचने पहुंच जाते हैं। करीब एक दशक पहले सेंट्रल एवेन्यू के एक होटल में ग्वालियर के डकैत अंगरेजसिंह का पुलिस ने एनकाउंटर किया था। वह डकैत यहां अपने कुनबे के साथ रहने लगा था। बताया जाता है कि शहर में मध्य क्षेत्र में ऐसे भी कुछ लाज व होटल है जहां क्रिकेट बुकी या हवाला कारोबार से जुड़े लोगों को रहने के लिए सुविधा दिलाई जाती है। छोटे कारोबारी पकड़े जाते हैं। बड़ों की धर-पकड़ नहीं हो पाती है। यहां टैक्स हैवंस की सुविधा उपलब्ध कराने वाले भी गिरोह है।

ऐसे होता है यह कारनामा
हवाला कारोबारी अपने कारोबार को कानूनी रूप देने के लिए सोना, चांदी और हीरों की खरीद अपने खातों में दिखाते हैं, लेकिन असल में ये सभी आयात बिल बोगस होते हैं जो यह दावा करते हैं कि उन्होंने विदेशी व्यापारियों से डायमंड-सोना खरीदा है। इन बिलों का हवाला देकर ये कारोबारी सूरत-मुंबई की बैंकों से करोड़ों रुपए विदेशी बैकों में ट्रांसफर कर देते हैं, जबकि असल में एक भी हीरा या सोने का टुकड़ा इंडिया नहीं आता है।

क्या है टैक्स हैवंस
हवाला कारोबारी यहां कमाए गए अकूत धन को हवाला की मार्फत दुबई, हांग कांग, स्विट्जरलैंड आदि देशों में भेज देते हैं। इन देशों को टैक्स हैवंस देश कहा जाता है। इन देशों की बैंक प्राप्त धन का कोई सोर्स नहीं पूछती हैं और न ही उस पर कोई टैक्स वसूल करती हैं। इससे दुनियाभर में ये देश काले धन के अड्डे बन गए हैं।

Created On :   4 Dec 2018 6:51 AM GMT

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