खाली समय में 'जेंगा' खेलने में आनंद आता है प्रज्ञानंद

नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञानंद अपना खाली समय 'जेंगा' खेलकर बिताते हैं। प्रज्ञानंद ने कहा कि शतरंज में एकाग्रता अहम है। वहीं, जेंगा हिम्मत की कड़ी परीक्षा लेता है।
प्रज्ञानंद ने गुरुवार को जेंगा खेलकर खुद को 'रिलैक्स' किया। उन्होंने एक्स पर इसका एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "शतरंज में एकाग्रता की जरूरत होती है, लेकिन जेंगा आपकी हिम्मत की परीक्षा लेता है। खाली समय में दोस्तों के साथ मस्ती करना और थोड़ा आराम करना बहुत अच्छा है।"
शतरंज पिछले कुछ सालों में भारत में एक लोकप्रिय खेल के रूप में उभरा है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भी भारतीय खिलाड़ी यादगार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन खिलाड़ियों में आर प्रज्ञानंद का नाम प्रमुख है। हाल ही में, प्रज्ञानानंद ने टाटा मास्टर्स का खिताब जीता, जिसमें विश्व चैंपियन डी. गुकेश के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता रही। दोनों ने निर्णायक टाईब्रेकर राउंड में प्रतिस्पर्धा की।
हाल ही में प्रज्ञानंद ने ब्राजील में आयोजित प्रतिष्ठित ग्रैंड चेस टूर फाइनल में अपनी जगह पक्की की और 2025 सिंकफील्ड कप में उपविजेता बनकर दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों में अपनी जगह पक्की की।
प्रज्ञानंद ने अपनी साहसिक शैली और शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता के दम पर खुद को शतरंज में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहद कम समय में बड़ा नाम बनाया है। जीसीटी फाइनल तक उनकी पहुंच न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय शतरंज में भारत के बढ़ते प्रभाव को भी दर्शाती है।
हाल के वर्षों में इस युवा खिलाड़ी ने मैग्नस कार्लसन जैसे दिग्गजों के खिलाफ लगातार प्रभावी प्रदर्शन किया है। प्रज्ञानंद ग्लोबल चेस लीग सीजन 3 के ड्राफ्ट का हिस्सा हैं, जो शुक्रवार को मुंबई में आयोजित होने वाला है। इस पूल में 36 खिलाड़ी हैं, और 20 वर्षीय यह खिलाड़ी ड्राफ्ट में आइकॉन खिलाड़ियों में से एक होगा, जिसमें मौजूदा विश्व चैंपियन गुकेश आइकॉन बोर्ड में सबसे आगे हैं।
इस ग्रुप में पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद, हिकारू नाकामुरा, फैबियानो कारूआना, अलीरेजा फिरोजा, मैक्सिम वाचियर-लाग्रेव, अनीश गिरी, अर्जुन एरिगैसी, चार बार की विश्व चैंपियन होउ यिफान और विश्व कप फाइनलिस्ट कोनेरू हम्पी अन्य शीर्ष खिलाड़ी हैं।
-- आईएएनएस
पीएके
ठसà¥à¤µà¥à¤à¤°à¤£: यह नà¥à¤¯à¥à¥ à¤à¤à¥ फ़à¥à¤¡à¥à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¤à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हà¥à¤ à¤à¤¬à¤° हà¥à¥¤ à¤à¤¸ नà¥à¤¯à¥à¥ मà¥à¤ BhaskarHindi.com à¤à¥à¤® à¤à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¿à¤¸à¥ à¤à¥ तरह à¤à¤¾ à¤à¥à¤ बदलाव या परिवरà¥à¤¤à¤¨ (à¤à¤¡à¤¿à¤à¤¿à¤à¤) नहà¥à¤ à¤à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¯à¤¾ हà¥| à¤à¤¸ नà¥à¤¯à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤µà¤ नà¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ मà¥à¤ लॠà¤à¤ सामà¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥à¤ à¤à¥ समà¥à¤ªà¥à¤°à¥à¤£ à¤à¤µà¤¾à¤¬à¤¦à¤¾à¤°à¥ à¤à¥à¤µà¤² à¤à¤° à¤à¥à¤µà¤² नà¥à¤¯à¥à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¸à¥ à¤à¥ हॠà¤à¤µà¤ à¤à¤¸ नà¥à¤¯à¥à¤ मà¥à¤ दॠà¤à¤ à¤à¤¾à¤¨à¤à¤¾à¤°à¥ à¤à¤¾ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ à¤à¤°à¤¨à¥ सॠपहलॠसà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ à¤à¥à¤·à¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥ विशà¥à¤·à¤à¥à¤à¥à¤ (वà¤à¥à¤² / à¤à¤à¤à¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤° / à¤à¥à¤¯à¥à¤¤à¤¿à¤· / वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¥ / डà¥à¤à¥à¤à¤° / नà¥à¤¯à¥à¥ à¤à¤à¥à¤à¤¸à¥ / ठनà¥à¤¯ विषय à¤à¤à¥à¤¸à¤ªà¤°à¥à¤) à¤à¥ सलाह à¤à¤°à¥à¤° लà¥à¤à¥¤ ठतठसà¤à¤¬à¤à¤§à¤¿à¤¤ à¤à¤¬à¤° à¤à¤µà¤ à¤à¤ªà¤¯à¥à¤ मà¥à¤ लिठà¤à¤ à¤à¥à¤à¥à¤¸à¥à¤ मà¥à¤à¤°, फà¥à¤à¥, विडियॠà¤à¤µà¤ à¤à¤¡à¤¿à¤ à¤à¥ लà¥à¤à¤° BhaskarHindi.com नà¥à¤¯à¥à¤ पà¥à¤°à¥à¤à¤² à¤à¥ à¤à¥à¤ à¤à¥ à¤à¤¿à¤®à¥à¤®à¥à¤¦à¤¾à¤°à¥ नहà¥à¤ हà¥|
Created On :   25 Sept 2025 8:00 PM IST