शिवप्रसाद सिंह 'नीला चांद' से हिन्दी साहित्य में नई लकीर खिंचने वाले साहित्यकार

शिवप्रसाद सिंह  नीला चांद से हिन्दी साहित्य में नई लकीर खिंचने वाले साहित्यकार
उत्तर प्रदेश की भूमि से ऐसे अनेक महान लेखक और कवि निकले हैं, जिनकी सृजन क्षमता ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है और पाठकों की चेतना को जागृत करने का काम किया है। शिव प्रसाद सिंह एक ऐसे ही साहित्यकार रहे हैं।

नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की भूमि से ऐसे अनेक महान लेखक और कवि निकले हैं, जिनकी सृजन क्षमता ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है और पाठकों की चेतना को जागृत करने का काम किया है। शिव प्रसाद सिंह एक ऐसे ही साहित्यकार रहे हैं।

शिवप्रसाद सिंह का जन्म 19 अगस्त 1928 को जलालपुर, जमनिया, में हुआ था। यह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में स्थित है। स्कूली जीवन से ही उनका लगाव हिन्दी साहित्य से रहा जो आगे चलकर उनके जीवन का ध्येय बन गया। सिंह ने स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी वाराणसी स्थित प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिवप्रसाद सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में लेक्चरर हो गए। 1953 में लेक्चरर के रूप में नौकरी शुरू करने वाले सिंह 1988 में प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत हुए।

प्रख्यात साहित्यकार हजारी प्रसाद द्विवेदी के शिष्य रहे शिवप्रसाद सिंह शिक्षण के साथ-साथ लेखन में सक्रिय रहे। उनकी प्रमुख कृतियों में नीला चांद, बरगद का पेड़, दादी मां, एक थे मुल्ला नसरुद्दीन और एक यात्रा सतह के नीचे है। नीला चांद उनकी सबसे लोकप्रिय और प्रशंसित कृति है। इसके लिए उन्हें 1990 में केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार सम्मानित किया गया था। सिंह को 'नयी कहानी' आन्दोलन के आरम्भकर्ताओं में से एक माना जाता है। पाठकों ने कहीं-कहीं उनकी 'दादी मां' कहानी को पहली नई कहानी का भी दर्जा दिया है।

उनकी अन्य रचनाओं में अन्धकूप, अलग-अलग वैतरणी, गली आगे मुड़ती है, शैलूष, मंजुशिमा, औरत, कोहरे में युद्ध, दिल्ली दूर है (उपन्यास), मानसी गंगा, किस-किसको नमन करूं, उत्तर योगी (महर्षि श्री अरविन्द की जीवनी), कीर्तिलता और अवहट्ठ भाषा, विद्यापति, आधुनिक परिवेश और नवलेखन, आधुनिक परिवेश और अस्तित्ववाद आदि है। देश के प्रख्यात लेखक और उपन्यासकार शिवप्रसाद सिंह का निधन 28 सितंबर 1998 को 70 साल की अवस्था में हो गया था।

Created On :   27 Sept 2025 8:05 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story