केंद्र सरकार की नीतियों से पश्चिम बंगाल का जूट उद्योग फिर से चमका अमित मालवीय

केंद्र सरकार की नीतियों से पश्चिम बंगाल का जूट उद्योग फिर से चमका  अमित मालवीय
पश्चिम बंगाल के जूट उद्योग के बारे में भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए एक अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की दूरदर्शी नीतियों की बदौलत जूट के सुनहरे दिन लौट आए हैं।

कोलकाता, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के जूट उद्योग के बारे में भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए एक अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की दूरदर्शी नीतियों की बदौलत जूट के सुनहरे दिन लौट आए हैं।

मालवीय ने कहा कि कई दशकों की गिरावट के बाद, यह उद्योग अब फिर से नई उम्मीदों के साथ उभर रहा है। पहले जहां जूट उद्योग में कम रिटर्न, मिल बंद होने और किसानों की समस्याएं आम थीं, वहीं अब यह क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की समय पर और सही पहल ने इस उद्योग को नई दिशा दी है। केंद्र सरकार ने बांग्लादेश से जूट आयात पर सख्त प्रतिबंध लगाए, जिससे स्थानीय किसानों का आत्मविश्वास बढ़ा है। इसके साथ ही, इस वर्ष अच्छी वर्षा और नीतिगत समर्थन के कारण जूट की पैदावार बढ़ी है, जिससे बेहतर गुणवत्ता का रेशा मिला है।

अमित मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि इस सीजन में जूट की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर 8,800 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी है। यह बड़ी सफलता किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आई है।

उन्होंने कहा कि बंगाल में लगभग 40 लाख लोग इस जूट उद्योग से सीधे जुड़े हुए हैं और अब उन्हें बेहतर रोजगार के साथ समय पर वेतन भी मिलने लगा है। यह न केवल किसानों के जीवन को सशक्त बना रहा है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिरता भी ला रहा है।

मालवीय ने कहा है कि राष्ट्रीय जूट बोर्ड और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की कड़ी मेहनत और समर्पण भी इस क्षेत्र के पुनरुत्थान में अहम भूमिका निभा रही है। उनकी कोशिशों से बंगाल की इस पारंपरिक फसल को नई जान मिली है।

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 'एक्स' पोस्ट के अंत में लिखा कि यह पूरी सफलता मोदी सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत' की योजना का जीता-जागता उदाहरण है, जो किसानों को सशक्त बनाने, ग्रामीण जीवन को मजबूत करने और बंगाल की इस ऐतिहासिक फसल को पुनः गौरव दिलाने का काम कर रही है।

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Created On :   4 Oct 2025 1:48 PM IST

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