भारतीय सेना की असॉल्ट राइफल्स के लिए इमेज इंटेंसिफायर और लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की डील

भारतीय सेना की असॉल्ट राइफल्स के लिए इमेज इंटेंसिफायर और लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की डील
भारतीय सेना को आधुनिक हथियार व उपकरण मुहैया कराने के लिए बुधवार को दो महत्वपूर्ण डील फाइनल की गई। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की असॉल्ट राइफल्स के लिए एडवांस नाइट साइट (इमेज इंटेंसिफायर) एवं उसके सहायक उपकरणों की खरीद के लिए 659.47 करोड़ रुपए का अनुबंध किया है। यह एसआईजी-716 असॉल्ट राइफल की लंबी मारक क्षमता का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करेगा।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना को आधुनिक हथियार व उपकरण मुहैया कराने के लिए बुधवार को दो महत्वपूर्ण डील फाइनल की गई। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना की असॉल्ट राइफल्स के लिए एडवांस नाइट साइट (इमेज इंटेंसिफायर) एवं उसके सहायक उपकरणों की खरीद के लिए 659.47 करोड़ रुपए का अनुबंध किया है। यह एसआईजी-716 असॉल्ट राइफल की लंबी मारक क्षमता का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करेगा।

रक्षा मंत्रालय ने असॉल्ट राइफल्स के लिए एडवांस नाइट साइट (इमेज इंटेंसिफायर) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नई नाइट साइट्स 500 मीटर की प्रभावी दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम हैं। इसकी एक और बड़ी खासियत यह भी है कि यह कम रोशनी या तारों की रोशनी में भी कार्य कर सकती है। ये उपकरण वर्तमान पैसिव नाइट साइट्स की तुलना में काफी उन्नत हैं। यही कारण है कि इसके आने से सेना की क्षमता में इजाफा होगा।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सौदा स्वदेशी खरीद श्रेणी के अंतर्गत किया गया है। इसमें 51 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल है। यह कदम रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को भी लाभ होगा।

वहीं, भारतीय सेना द्वारा लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की खरीद का सौदा किया गया। भारतीय सेना की आर्मी एयर डिफेंस कोर ने एमएस थेल्स, यूके के साथ लाइटवेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए अनुबंध किया है।

सेना के मुताबिक यह हल्का, मानव द्वारा वहन योग्य मिसाइल सिस्टम है, जिसे उच्च पर्वतीय इलाकों सहित विभिन्न परिचालन क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। यह लेजर बीम राइडिंग तकनीक पर आधारित है, जो आधुनिक हवाई प्लेटफॉर्म्स की बचावात्मक चालों से अप्रभावित रहती है। सेना के मुताबिक यह मिसाइल विमान, हेलीकॉप्टर, यूएवी और यूसीएवी सहित कम आईआर सिग्नेचर वाले हवाई लक्ष्यों को भी 6 किमी से अधिक दूरी तक किसी भी मौसम में नष्ट करने में सक्षम है। इसमें उन्नत विजन प्रणाली, प्रॉक्सिमिटी फ्यूज और उच्च-विस्फोटक वारहेड के कारण एकल प्रहार में लक्ष्य भेदने की उच्च क्षमता है।

यह प्रणाली 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद उच्च-मूल्य वाले ड्रोन और यूएवी लक्ष्यों की पहचान व विनाश के लिए विशेष रूप से खरीदी गई है। दोनों अनुबंध भारत की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जो सैनिकों की सामरिक दक्षता और राष्ट्र की रक्षा तत्परता को सुदृढ़ करेंगे।

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Created On :   15 Oct 2025 7:12 PM IST

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