सपा सांसद डिंपल यादव ने एसआईआर पर उठाया सवाल, लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बताई चोट

सपा सांसद डिंपल यादव ने एसआईआर पर उठाया सवाल, लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बताई चोट
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए जाने वाले एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के इस कदम को लेकर कांग्रेस और सपा समेत अन्य राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।

मैनपुरी, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए जाने वाले एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के इस कदम को लेकर कांग्रेस और सपा समेत अन्य राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग एसआईआर लागू करने का आदेश देगा तो ऐसा किया जाएगा। अगर सत्तारूढ़ सरकार चाहती है कि एसआईआर लागू हो तो उसका पालन किया जाएगा।

डिंपल यादव ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर एसआईआर कराने की जरूरत क्या है। एसआईआर कराकर क्या वो यह कहना चाहते हैं कि देश में अभी तक जितने भी चुनाव हुए हैं, वो सब अलोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं? इसको लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट कर रही है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मांग पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। भाजपा सरकार ने जब वादा किया था तो वो पूरा करना चाहिए।

इससे पहले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर की घोषणा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सोमवार को भारत निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा की है। बिहार में एसआईआर को लेकर उठे सवालों के जवाब हमें अभी तक नहीं मिले हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार के एसआईआर की खामियों को दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा। वरना, चुनाव आयोग और उसे कठपुतली बनाने वाली भाजपा की मंशा बिहार के एसआईआर के जरिए साफ तौर पर उजागर हो जाती।

बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किए जाने वाले एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दूसरे चरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुद्रण व प्रशिक्षण का कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक चलेगा। घर-घर गणना चरण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक की जाएगी। ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर 2025 को होगा। दावे और आपत्ति अवधि 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दाखिल की जाएंगी। जिन लोगों को नोटिस जाएंगी उनकी सुनवाई और सत्यापन 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक होगा। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

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Created On :   27 Oct 2025 10:57 PM IST

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