मुंह के छालों से राहत पाने के लिए करें योग और प्राणायाम, मानसिक तनाव भी होगा कम
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। कई बार मुंह में छाले होने से खाने-पीने, बोलने या मुस्कुराने तक में लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अक्सर लोग इसे थोड़े दिनों की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर यह बार-बार होने लगे तो चिंता का विषय बन सकता है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, मुंह के छाले (अल्सर) शरीर में विटामिन की कमी के संकेत भी हो सकते हैं। योग और प्राणायाम की मदद से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शीतली प्राणायाम: मुंह के छालों का एक मुख्य कारण शरीर में गर्मी का बढ़ जाना है। जब हम शीतली प्राणायाम करते हैं, तो यह शरीर के अंदरूनी तापमान को नियंत्रित करता है और शीतलता लाता है। नतीजतन, मुंह की नाजुक झिल्लियों पर तनाव कम होता है और जलन और दर्द में राहत मिलती है।
इसके अलावा यह पाचन शक्ति को भी मजबूत करता है, जिससे भोजन जल्दी और सही तरीके से पचता है। मुंह के छालों का कारण बनने वाली आंतरिक गर्मी और विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। नियमित अभ्यास से शरीर में ठंडक बनी रहती है और मुंह की चोटों से उबरने की प्रक्रिया तेज होती है।
शीतकारी प्राणायाम: शीतकारी प्राणायाम भी इसी तरह का लाभ देता है, लेकिन यह मानसिक शांति और शरीर के अंदरूनी संतुलन पर अधिक असर डालता है। यह प्राणायाम मुंह और जीभ को शांत करके पित्त और गर्मी को नियंत्रित करता है। जब शरीर का अग्नि तत्व संतुलित रहता है, तो मुंह में जलन और दर्द कम होता है।
इसके अलावा, यह पूरे शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। यानी सिर्फ मुंह के छाले ही नहीं, बल्कि शरीर की अन्य समस्याएं जैसे तनाव, थकान और पेट की गर्मी भी कम होती है। मानसिक तनाव और चिंता भी मुंह के घावों को बढ़ा सकते हैं और शीतकारी प्राणायाम इसमें भी राहत प्रदान करता है।
सूर्य नमस्कार: सबसे लोकप्रिय योगासनों में से सूर्य नमस्कार एक है। यह मुंह के छालों को रोकने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद करता है। इस आसन का नियमित अभ्यास शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। जब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है तो मुंह में छोटे-छोटे घाव बनने की संभावना काफी कम हो जाती है।
इसके अलावा, सूर्य नमस्कार से शरीर का रक्त संचार और ऊर्जा स्तर बढ़ता है, जिससे विटामिन और पोषक तत्व शरीर में सही तरीके से पहुंचते हैं। यही कारण है कि मुंह के छाले और अन्य छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे त्वचा की समस्या या थकान भी धीरे-धीरे कम होती हैं।
सेतु बंधासन: सेतु बंधासन भी मुंह के छालों के खिलाफ लड़ाई में सहायक है। यह आसन हृदय रक्त को रक्त वाहिकाओं के माध्यम से पूरे शरीर में पंप करने में मदद करता है, जिससे ऑक्सीजन, पोषक तत्व और हार्मोन कोशिकाओं तक पहुंचते हैं। ऐसे में चोटें और मुंह के छाले जल्दी भरते हैं। इसके अलावा, यह आसन तनाव और चिंता को कम करता है।
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Created On :   30 Oct 2025 11:55 AM IST












