पांडिचेरी विश्वविद्यालय कुलपति की उपराष्ट्रपति से मुलाकात, छात्र कल्याण और नवाचार पर जोर
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। पांडिचेरी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी. प्रकाश बाबू ने गुरुवार को संसद भवन में भारत के उपराष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन से औपचारिक भेंट की।
भारत के उपराष्ट्रपति के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर सीपी राधाकृष्णन और कुलपति प्रो. पी प्रकाश बाबू की मुलाकात की तस्वीर शेयर की गई।
बैठक में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रगति, बुनियादी ढांचा विकास और छात्र-केंद्रित योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। कुलपति ने पावरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से शैक्षणिक पाठ्यक्रम, अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र, पूर्व छात्र सहभागिता, प्लेसमेंट और कैंपस में सौर ऊर्जा उत्पादन की जानकारी दी। उपराष्ट्रपति ने संस्थान की रैंकिंग सुधार, समग्र विकास और सामाजिक प्रभाव वाली रिसर्च को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
प्रो. बाबू ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में एआई, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में नए कोर्स शुरू किए हैं। कैंपस में 2 मेगावाट सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित हो चुका है, जो 40 प्रतिशत बिजली जरूरत पूरी करता है। प्लेसमेंट सेल ने 2024-25 में 85 प्रतिशत छात्रों को नौकरी दिलाई, जिसमें औसत पैकेज 7.2 लाख रुपए रहा। पूर्व छात्रों ने 5 करोड़ रुपए का फंड जुटाया, जिससे स्टार्टअप इंक्यूबेशन सेंटर मजबूत हुआ। अनुसंधान में 150 पेटेंट फाइल हुए, जिनमें 32 को मंजूरी मिली।
उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने छात्र कल्याण पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय केवल डिग्री फैक्ट्री नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का केंद्र होना चाहिए।"
उन्होंने निर्देशित किया कि छात्र सुविधाएं जैसे हॉस्टल, लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को अपग्रेड करें। लड़कियों के लिए अलग हॉस्टल और 24x7 सुरक्षा सुनिश्चित करें। उद्योग 4.0 की मांग के अनुरूप रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन और क्वांटम कंप्यूटिंग कोर्स शुरू करें। कैंपस को प्लास्टिक-मुक्त बनाएं, वेस्ट मैनेजमेंट और रेन वाटर हार्वेस्टिंग लागू करें। एससी/एसटी कोटे की सभी सीटें भरें, स्थानीय पांडिचेरी समुदाय को प्राथमिकता दें। ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, साइबर बुलिंग रोकने के लिए काउंसलिंग सेंटर और शिकायत बॉक्स स्थापित करें। साथ ही योग, मेडिटेशन और मेंटरशिप प्रोग्राम अनिवार्य करें।
उपराष्ट्रपति ने रैंकिंग सुधार के लिए एनआईआरएफ में टॉप-50 का लक्ष्य रखा। उन्होंने संबद्ध कॉलेजों की नियमित ऑडिट, फैकल्टी ट्रेनिंग और इंडस्ट्री पार्टनरशिप बढ़ाने को कहा। उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि समाज की समस्याओं का समाधान विश्वविद्यालयों से निकलना चाहिए।
कुलपति ने आश्वासन दिया कि 2026 तक 100 प्रतिशत डिजिटल कैंपस, जीरो ड्रॉपआउट रेट और 90 प्रतिशत प्लेसमेंट का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
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Created On :   6 Nov 2025 7:27 PM IST












