श्री केशवनाथेश्वर मंदिर गुफा के अंदर मौजूद हैं भगवान शिव का रहस्यमयी मंदिर

श्री केशवनाथेश्वर मंदिर  गुफा के अंदर मौजूद हैं भगवान शिव का रहस्यमयी मंदिर
दक्षिण भारत अपने प्रसिद्ध और संपन्न मंदिरों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक के जंगलों में प्रकृति की गोद में एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है जिसे देखने के बाद आपको अनुभव होगा कि मानो आज भी भगवान शिव यहां विराजमान हैं?

नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण भारत अपने प्रसिद्ध और संपन्न मंदिरों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक के जंगलों में प्रकृति की गोद में एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है जिसे देखने के बाद आपको अनुभव होगा कि मानो आज भी भगवान शिव यहां विराजमान हैं?

कर्नाटक के मुदूर गांव में गुफा के अंदर भगवान शिव का अद्भुत मंदिर श्री केशवनाथेश्वर मंदिर है, जहां तक पहुंच पाना हर किसी के बस की बात नहीं है।

कर्नाटक से 50 किलोमीटर दूर कुंडापुरा के पास मुदूर गांव है, जो जंगलों के बीच बसा है। ऐसी ही प्रकृति के बीचों-बीच एक गुफा में, बहते झरने के पार भगवान शिव श्री केशवनाथेश्वर के रूप में विराजमान हैं।

गांव के लोगों का मानना है कि यहां भगवान शिव स्वयं अवतरित हुए थे और यहां गुफाओं में आकर उन्होंने तपस्या की थी। मंदिर में हर वक्त एक पुजारी रहता है, जो भगवान शिव की पूजा-अर्चना करता है। इसे दक्षिण भारत के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक माना जाता है।

यह मंदिर पहले इतना प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन जब साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आए, तब से मंदिर की प्रसिद्धि बढ़ गई है। हालांकि, मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत मुश्किल है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है। जंगलों को पार करके ही भगवान शिव के अद्भुत दर्शन किए जा सकते हैं। गुफा के बाहर किसी तरह का कोई मंदिर नहीं है, लेकिन गुफा के अंदर गर्भगृह बना है। मंदिर के गर्भगृह में साल के ज्यादातर महीने में पानी भरा रहता है। भक्तों का मानना है कि पानी का जलस्तर साल भर एक जैसा स्थिर रहता है, लेकिन मानसून में थोड़ा बढ़ जाता है। वहीं गर्मियों में पानी सूखता भी नहीं है। इसलिए भक्त जल को चमत्कारी जल मानते हैं, जो साल भर हर मौसम में स्थिर रहता है।

भक्त भगवान शिव के दर्शन करने के लिए घुटनों के बल चलकर गुफा के अंदर तक आते हैं। गुफा के पास ही झरने की सहायता से बना छोटा सा कुंड है, जिसमें रंग-बिरंगी मछलियां हैं। दर्शन करने आए श्रद्धालु दर्शन के बाद मछलियों को दाना भी खिलाते हैं। मंदिर के बाहर का प्रकृति का नजारा बेहद अद्भुत है, जो किसी का भी दिल मोह लेगा। मंदिर से 10 किलोमीटर की दूरी पर बेलकल तीर्थ झरने भी हैं। यह एक जाना-माना पर्यटक स्थल है।

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Created On :   19 Nov 2025 11:26 PM IST

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