'अभी मैंने ठीक से आंखें खोली भी नहीं और तुमने बंद कर ली', मनोज मुंतशिर का वीडियो देख भावुक हो गए फैंस

अभी मैंने ठीक से आंखें खोली भी नहीं और तुमने बंद कर ली, मनोज मुंतशिर का वीडियो देख भावुक हो गए फैंस
गीतकार और लेखक के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मनोज मुंतशिर की कलम में जादू है। वे हमेशा कुछ न कुछ ऐसा लिखते हैं, जो सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। अब उन्होंने पिता की मृत्यु पर एक बेटे को होने वाले असहनीय दर्द को शब्दों में पिरोकर फैंस के सामने पेश किया है।

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। गीतकार और लेखक के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मनोज मुंतशिर की कलम में जादू है। वे हमेशा कुछ न कुछ ऐसा लिखते हैं, जो सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। अब उन्होंने पिता की मृत्यु पर एक बेटे को होने वाले असहनीय दर्द को शब्दों में पिरोकर फैंस के सामने पेश किया है।

मनोज मुंतशिर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वे किसी इवेंट में दिख रहे हैं। स्टेज पर लेखक कहते हैं, "क्या जल्दी थी बापूजी, थोड़ा और रुक कर जाते, कुछ मेरी सुन कर जाते, कुछ अपनी कह कर जाते। कितना कुछ था इस दुनिया में, फिर क्यों कोई और दुनिया पसंद कर ली? अभी मैंने ठीक से आंखें खोली भी नहीं और तुमने बंद कर ली।" कविता की हर पंक्ति रोंगटे खड़े कर देने वाली है और जिस भारी आवाज और मार्मिक तरीके से लेखक ने कविता सुनाई है, वो लाजवाब है।

फैंस भी सिंगर की इस कविता के कायल हो गए हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "आज तक कोई बाप चिता की आग में नहीं जला, पिता तो याद बनके जिंदा रहता है, गंगा जल की अस्थियों में हर बार कोई बेटा बहता है। मिस यू पापा, बहुत सारा।"

एक अन्य यूजर ने लिखा, "न जाने तुम कहां चले गए पापा, इस दुनिया की भीड़ में मुझे अकेला कर गए पापा, अब किसकी शहजादी कहलाऊंगी, तुम्हारे बिना न जाने कैसे जी पाऊंगी।"

मनोज मुंतशिर की मार्मिक कविता ने पिता और बेटे के उस अनकहे रिश्ते के दर्द को बयां किया है, जो कोई भी बेटा अपने पिता के सामने खुलकर नहीं कह पाता है। बेटा हमेशा अपने पिता के सामने अपनी भावनाओं को छिपाकर रखता है और उनके जाने के बाद रह जाता है ढेर सारा मलाल।

मनोज मुंतशिर सिर्फ करीबी रिश्तों पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक, देशभक्ति से भरी और राजनीतिक कविता और लेखनी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने "मैं उस भारत से आता हूं," "कौन तू है," "सरहद पे गोली खाके जब टूट जाए मेरी सांस," "गलियां," और "पूछेगी जब अदालत, पत्थर गवाही देंगे" जैसी शानदार कविताएं लिखी हैं।

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Created On :   20 Nov 2025 3:34 PM IST

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