एक दिन में पाकिस्तान और ईरान से निकाले गए 10,000 से ज्यादा अफगानी, तालिबानी अधिकारी का दावा

एक दिन में पाकिस्तान और ईरान से निकाले गए 10,000 से ज्यादा अफगानी, तालिबानी अधिकारी का दावा
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तनाव के बीच ईरान और पाक से अफगान शरणार्थियों के भारी संख्या में निकाले जाने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। तालिबान के एक बड़े अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि बुधवार को एक ही दिन में 10,000 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान और ईरान से जबरदस्ती निकाल दिया गया।

काबुल, 20 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तनाव के बीच ईरान और पाक से अफगान शरणार्थियों के भारी संख्या में निकाले जाने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। तालिबान के एक बड़े अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि बुधवार को एक ही दिन में 10,000 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान और ईरान से जबरदस्ती निकाल दिया गया।

पझवोक अफगान न्यूज ने बताया कि तालिबानी अधिकारी ने इस संबंध में हाई कमीशन फॉर एड्रेसिंग माइग्रेंट्स इश्यूज की रिपोर्ट भी साझा की है। रिपोर्ट साझा करते हुए तालिबान के डिप्टी प्रवक्ता हमदुल्ला फितरत ने बताया कि बुधवार को 1,763 अफगान परिवार, जिनमें 10,405 लोग थे, अफगानिस्तान वापस लौटे।

डिप्टी स्पोक्सपर्सन हमदुल्ला फितरत ने कहा कि अफगान रिफ्यूजी कंधार में स्पिन बोल्डक, हेलमंद में बहरामचा, हेरात में इस्लाम कला क्रॉसिंग, निमरोज में पुल-ए-अब्रेशम और नंगरहार में तोरखम क्रॉसिंग के रास्ते पाकिस्तान से लौटे। 2,222 अफगान रिफ्यूजी परिवारों को अपने-अपने इलाकों में ले जाया गया। इन परिवारों में कुल 13,303 लोग शामिल थे। वहीं 1,534 को मानवीय सहायता दी गई।

इससे पहले ईरान और पाकिस्तान से मंगलवार को 7,326 अफगान रिफ्यूजी को जबरदस्ती डिपोर्ट किया गया। रविवार को ईरान और पाकिस्तान से जबरदस्ती डिपोर्ट किए जाने के बाद करीब 12,666 अफगान रिफ्यूजी अफगानिस्तान लौट आए।

हालांकि, अफगानी कलाकार और उनके परिवारों समेत करीब 400 नागरिकों ने पेशावर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने पेशावर कोर्ट के जज से गुजारिश की है कि सरकार को नॉन-रिफाउलमेंट के सिद्धांत के हिसाब से उन्हें जबरदस्ती डिपोर्ट करने से रोकने का आदेश दिया जाए।

इन लोगों का कहना है कि अगर इन्हें पाकिस्तान से डिपोर्ट किया गया, तो उन्हें अपने देश में जुल्म का सामना करना पड़ेगा।

इस बीच, अफगान नागरिकों ने कोर्ट में एक संयुक्त याचिका दायर की है। इसमें सरकार से रिफ्यूजी के तौर पर उन्हें पाकिस्तान में रहने की इजाजत देने के लिए निर्देश देने की मांग की गई।

वहीं, पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' के अनुसार याचिका डालने वाले का नाम जकिया दुनिया गजल है। उनके साथ कई दूसरे अफगान कलाकार और उनके परिवार भी शामिल हैं। जकिया ने 13 दिसंबर, 2024 को हाई कोर्ट के पहले के एक फैसले का जिक्र किया और कोर्ट से उसके हिसाब से फैसला सुनाने का आग्रह किया है।

पाकिस्तान की फेडरल इंटीरियर मिनिस्ट्री, कैबिनेट डिवीजन के फेडरल सेक्रेटरी, नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (नादरा) के डायरेक्टर जनरल, इमिग्रेशन और पासपोर्ट और एफआईए, खैबर पख्तूनख्वा के चीफ सेक्रेटरी और उसके होम सेक्रेटरी को पिटीशन में प्रतिवादी बनाया गया है।

उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि जब से अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया है, तब से कलाकारों और गायकों के लिए अफगानिस्तान में रहना खतरनाक हो गया है। तालिबानी हुकूमत म्यूजिक कॉन्सर्ट वगैरह जैसी एक्टिविटीज का खुलकर विरोध करती है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि वे अफगानिस्तान से भागने के बाद अपने परिवारों के साथ पेशावर में बस गए थे। पाकिस्तान की जबरदस्ती वापस भेजने की पॉलिसी मौजूदा यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज (यूएनएचआरसी) एग्रीमेंट और पाकिस्तान के अपने इंटरनेशनल कमिटमेंट के खिलाफ है।

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Created On :   20 Nov 2025 5:07 PM IST

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