श्रीराम मंदिर में ध्‍वजारोहण, संतों ने एक स्वर में कहा- रामराज की परिकल्‍पना साकार

श्रीराम मंदिर में ध्‍वजारोहण, संतों ने एक स्वर में कहा- रामराज की परिकल्‍पना साकार
अयोध्‍या धाम में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर के शिखर पर ध्‍वजारोहण किया। इसे साधु-संतों और महंत ने ऐतिहासिक पल बताया है। संतों ने कहा कि यह अविस्‍मरणीय क्षण है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। समस्‍त सनातन प्रेमी आनंद विभोर हैं। आज रामराज की परिकल्‍पना साकार हो गई है।

अयोध्या, 25 नवंबर (आईएएनएस)। अयोध्‍या धाम में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर के शिखर पर ध्‍वजारोहण किया। इसे साधु-संतों और महंत ने ऐतिहासिक पल बताया है। संतों ने कहा कि यह अविस्‍मरणीय क्षण है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। समस्‍त सनातन प्रेमी आनंद विभोर हैं। आज रामराज की परिकल्‍पना साकार हो गई है।

अयोध्‍या में आए संतों ने अपने अनुभव समाचार एजेंसी आईएएनएस से साझा किए।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत गौरी शंकर दास ने कहा कि यह बहुत ही आनंद का पल है। पूरी अयोध्‍या झूम रही है। समस्‍त सनातन प्रेमी भावविभोर हैं। धर्म ध्‍वजा सनातन धर्म का प्रतीक है। जिस रामराज की परिकल्‍पना हम लोगों ने की थी, आज से उसकी शुरुआत हो गई है। पहले अयोध्‍या का स्‍वरूप दूसरा था। आज यह भव्‍य, दिव्‍य और नव्‍य अयोध्‍या नित नई ऊंचाईयों को छू रही है। इससे ज्‍यादा आनंद की बात कुछ नहीं हो सकती है। जब हम शुभ काम करते हैं तो धर्म ध्‍वजा स्‍थापित करते हैं। इसका मतलब है, श्री हनुमान जी को स्‍थापित करना। जब ध्‍वजा लगाते हैं तो हनुमान जी का आह्वान करते हैं। श्रीराम पहले ही आ चुके थे, हनुमान जी की कमी थी, वह भी पूरी हो गई।

संत आचार्य चंद्रांशु जी ने बताया कि हम लोग सपने को साकार होते देख रहे हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हम सब त्रेतायुग में कहीं भ्रमण कर रहे हैं। अपना देश आज बैकुंठ को भी पीछे छोड़ रहा है। ऐसा वैभव सामने लेकर आ रहा है। यह ध्‍वजा कभी पहचान की प्रतीक होती थी। सूर्य कुल के जो भी राजा होते थे, उनके नाम का पताका लगता था। यह दिन लगभग पांच सौ साल बाद देखने को मिल रहा है।

उन्‍होंने कहा कि ऐसे प्रधानमंत्री हम सब को बड़े ही सौभाग्‍य से मिले हैं। पीएम मोदी की जितनी सराहना की जाए कम है। उन्‍होंने राम से राष्ट्र तक की यात्रा का जिस तरह से वर्णन किया है, वह प्रेरणादायक है।

महंत बृजमोहन दास ने कहा कि आज समस्‍त राम भक्‍तों के लिए स्‍वर्णिम क्षण था। 500 साल के संघर्ष के बाद यह दिन देखने को मिला है। धर्म ध्‍वजा के शिखर पर विराजमान होने के बाद लगा कि भारत में रामराज की स्‍थापना हो गई है।

संत ने कहा कि पूरे विश्‍व को आलोकित करने वाला, प्रकाशित करने वाला, शोक का शमन करने वाला यह धर्म ध्‍वजा राष्ट्रध्वज है। यह कोई सामान्‍य ध्वज नहीं है। राजनीतिक व्‍यक्ति भी धर्म से जुड़ा होता है। पीएम मोदी ने इस धर्म मंच से राष्ट्र को जो संदेश दिया है, उसमें राजनीति का लेशमात्र मिश्रण नहीं था।

एक अन्‍य संत ने कहा कि आज ध्वजारोहण के साथ ही भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया गया है। भारत माता के गौरव को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने जो भाषण दिया है, आजादी के बाद का यह दृश्य पहली बार विश्‍व के लोगों ने देखा है। कांग्रेस पार्टी रामराज नहीं बना सकी। आज पीएम मोदी ने यह काम पूरा कर दिया है।

वहीं, महिला साध्वी ने कहा कि आज भारतवर्ष की आन-बान-शान का प्रमुख पर्व है। आज मंदिर को अंतिम रूप दे दिया गया। यह धर्म की ध्‍वजा है।

वहीं, वकील आनंद सिंघल ने बताया कि यहां की व्‍यवस्‍था बहुत ही उत्तम थी। लोगों को भरपूर आनंद मिला है। राम के नाम से लोगों को उत्‍प्रेरित करने का काम अविस्‍मरणीय है। पीएम मोदी की मैकाले वाली बात भविष्‍य के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण है। सबको इस बारे में सोचने की जरूरत है।

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Created On :   25 Nov 2025 5:50 PM IST

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