नवल किशोर यादव ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ टिप्पणी पर पप्पू यादव को दिया जवाब

नवल किशोर यादव ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के खिलाफ टिप्पणी पर पप्पू यादव को दिया जवाब
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एमएलसी नवल किशोर यादव ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर कांग्रेस नेता पप्पू यादव के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि किसी का अपमान करने से कोई तथ्य नहीं बदलता है।

पटना, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एमएलसी नवल किशोर यादव ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर कांग्रेस नेता पप्पू यादव के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि किसी का अपमान करने से कोई तथ्य नहीं बदलता है।

पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव के यह कहने पर कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य का इलाज अंबेडकर के विचार हैं, भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा, "ऐसी बातें वही लोग कह सकते हैं जिन्हें कुछ समझ नहीं है। किसी का अपमान करने से कोई तथ्य नहीं बदलता।"

नवल किशोर यादव ने कहा, "मैं ऐसी बातों का कभी समर्थन नहीं कर सकता। अपनी बात सम्मान से कहनी चाहिए। रामभद्राचार्य जी ने अपनी बात कही है और लोकतंत्र में सबको बोलने की आजादी है। मुझे नहीं लगता कि गाली-गलौज, अपमान या किसी को अंधा-लंगड़ा कहने या ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने की कोई जरूरत है।"

दरअसल, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने 'एससी-एसटी एक्ट' पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, "वेदों में अवर्ण या सवर्ण का जिक्र नहीं है। राजनीतिक नेताओं ने यह सिस्टम शुरू किया है। जाति के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होना चाहिए और एससी-एसटी एक्ट रद्द होना चाहिए।"

इस पर भाजपा एमएलसी ने कहा, "सभी का अपना मत है। इसी तरह जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपने विचार रखे।" हालांकि, नवल किशोर यादव ने यह भी कहा कि जातीय व्यवस्थाएं खत्म नहीं हो सकती हैं। सभी को मिलकर साथ चलने की जरूरत है।

इससे पहले, कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने रामभद्राचार्य के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा कि ऐसे लोगों (रामभद्राचार्य) का इलाज अंबेडकरवादी विचारों से होगा।

एससी-एसटी एक्ट को लेकर रामभद्राचार्य के बयान पर पप्पू यादव ने अपने जवाब में कहा, "मैं शंकराचार्य से अनुरोध करूंगा कि शंकराचार्यों में दलित, एससी और एसटी को शामिल करें और फिर आरक्षण को खत्म करें।"

रामभद्राचार्य ने सोनिया गांधी को 'गैर-भारतीय' बताया। इस पर भी पप्पू यादव ने जवाब दिया और कहा, "महिलाओं का अपमान करना उनकी संस्कृति का हिस्सा है। जो लोग इस तरह महिलाओं का अपमान करते हैं, उन्हें यमुना के गंदे पानी में डूब जाना चाहिए।"

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Created On :   25 Nov 2025 6:46 PM IST

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