श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर यहां शिवलिंग को पूरा घुमाने से पूरी होती है मनोकामना

श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर  यहां शिवलिंग को पूरा घुमाने से पूरी होती है मनोकामना
दक्षिण भारत बड़े और रहस्यमयी मंदिरों से भरा है। कुछ मंदिर अपनी वास्तुकला तो कुछ अपनी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन कर्नाटक के पुरा गांव में एक ऐसा मंदिर है जहां मौजूद शिवलिंग को पूरा घूमाने से हर मनोकामना पूरी होती है। ये पहला मंदिर है जहां भक्त आकर शिवलिंग को घुमाते हैं और अपनी मनोकामना को भगवान शिव के सामने रखते हैं।

नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। दक्षिण भारत बड़े और रहस्यमयी मंदिरों से भरा है। कुछ मंदिर अपनी वास्तुकला तो कुछ अपनी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन कर्नाटक के पुरा गांव में एक ऐसा मंदिर है जहां मौजूद शिवलिंग को पूरा घूमाने से हर मनोकामना पूरी होती है। ये पहला मंदिर है जहां भक्त आकर शिवलिंग को घुमाते हैं और अपनी मनोकामना को भगवान शिव के सामने रखते हैं।

श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर, कर्नाटक के कुष्टगी तालुका के पास पुरा गांव में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। मंदिर को 1,000 साल पुराना बताया जाता है, लेकिन मंदिर के निर्माण का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। मंदिर की खास बात ये है कि मंदिर में एक शिवलिंग नहीं, बल्कि लाइन से 1,000 से अधिक शिवलिंग बने हैं, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि भगवान शिव स्वयं यहां विराजमान हैं।

मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर जाते हैं कि एक छोटे से खंभे पर शिवलिंग स्थापित है, जिसे चारों दिशाओं में घुमाया जा सकता है।

माना जाता है कि जो भी भक्त उस शिवलिंग को एक ही बार में पूरा घूमा देता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर को वहां के लोकल कोटिलिंग मंदिर के नाम से भी जानते हैं। मंदिर के अंदर नंदी पर सवार भगवान सोमेश्वर की एक सुंदर मूर्ति है और साथ ही मंदिर की दीवारों पर प्राचीन शिवलिंग, विष्णु, और उमा-महेश्वर की नक्काशी भी है। मंदिर की दीवारों पर 11वीं शताब्दी की होयसल कला की झलक भी दिखती है।

मंदिर का प्रवेश द्वार और मंदिर के अंदर बनी गलियां भी संकरी हैं। मंदिर के अंदर हर जगह सिर झुकाकर जाना होता है। श्री सोमेश्वर स्वामी मंदिर न केवल एक तीर्थस्थल है, बल्कि क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और धार्मिक परंपराओं का भी प्रतीक है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में भगवान शिव विराजमान हैं, जिनके दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। ये देश का पहला मंदिर है, जहां मंदिर के हर कोने में शिवलिंग विराजमान हैं, लेकिन पूजा सिर्फ मंदिर में विराजे भगवान शिव की होती है।

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Created On :   19 Nov 2025 11:30 PM IST

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