दिल्ली 170 सिख श्रद्धालुओं का जत्था गुरु नानक देवजी के जन्मस्थान ननकाना साहिब के लिए रवाना

दिल्ली 170 सिख श्रद्धालुओं का जत्था गुरु नानक देवजी के जन्मस्थान ननकाना साहिब के लिए रवाना
राजधानी दिल्ली स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से सोमवार को 170 सिख श्रद्धालुओं का जत्था गुरु नानक देव के जन्मस्थान श्री ननकाना साहिब के लिए रवाना हुआ। इस अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के महासचिव जगदीप सिंह कहलों सहित कई सदस्य मौजूद रहे। श्रद्धालु हसन अबदाल स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब के दर्शन भी करेंगे।

नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। राजधानी दिल्ली स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से सोमवार को 170 सिख श्रद्धालुओं का जत्था गुरु नानक देव के जन्मस्थान श्री ननकाना साहिब के लिए रवाना हुआ। इस अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के महासचिव जगदीप सिंह कहलों सहित कई सदस्य मौजूद रहे। श्रद्धालु हसन अबदाल स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब के दर्शन भी करेंगे।

जत्थे को रवाना करने से पहले डीएसजीएमसी के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं ने विशेष अरदास में हिस्सा लिया।

जगदीप सिंह कहलों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि इस बार गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को लेकर देशभर में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। 5 नवंबर को मनाए जाने वाले इस पावन पर्व पर भारत से करीब 21,006 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान सरकार की ओर से वीजा जारी किया गया है।

कहलों ने कहा कि यह भारत सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि मौजूदा परिस्थितियों के बावजूद श्रद्धालुओं को पाकिस्तान यात्रा की अनुमति मिल पाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा से सिख धर्म के प्रति विशेष श्रद्धा रखते हैं। वे कई अवसरों पर रकाबगंज, शीशगंज और बंगला साहिब गुरुद्वारों में मत्था टेकने भी पहुंचे हैं।

कहलों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने गुरु तेग बहादुर जी की साढ़े तीन सौवीं शहादत शताब्दी में भी भाग लेने की इच्छा जताई थी, जो उनके सिख धर्म के प्रति सच्चे जुड़ाव को दर्शाता है। श्रद्धालुओं के इस जत्थे को शुभकामनाओं के साथ रवाना किया गया, ताकि वे ननकाना साहिब और पंजा साहिब में मत्था टेककर गुरु नानक देव जी के उपदेशों को आत्मसात कर सकें।

प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि 170 सिख श्रद्धालुओं का जत्था रवाना हुआ है। इसमें से 45 लोग बस से जा रहे है और बाकी लोग ट्रेन और हवाई जहाज से जा चुके हैं। हम लोगों की बात सुनकर सरकार ने ये फैसला किया। इसके लिए श्रद्धालु सरकार का धन्यवाद करते हैं।

श्रद्धालु सिमरन कौर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हम लोगों का प्रयास पहले जाने का था, लेकिन अनुमति नहीं मिल पाई थी। अगर पहले मिल जाती है तो अच्छा रहता।

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Created On :   3 Nov 2025 2:06 PM IST

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