पर्यावरण: नितिन गडकरी ने किया 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' अभियान का शुभारंभ, बोले- मां की ममता को हरियाली में बदलें

ग्रेटर नोएडा, 8 जुलाई (आईएएनएस)। ग्रेटर नोएडा के जेवर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा और हर्ष मल्होत्रा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और हरित परिवहन को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं।
अपने संबोधन में नितिन गडकरी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत हुई है। जैसे मां हमारे जीवन में सबसे पूजनीय होती हैं, वैसे ही धरती मां भी उतनी ही आदरणीय है। हमें दोनों की सेवा करनी है।”
उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण की बड़ी वजह परिवहन क्षेत्र है। कुल प्रदूषण में 40 प्रतिशत हिस्सा ट्रांसपोर्ट सेक्टर का है। इसके समाधान के लिए सरकार ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों पर तेजी से काम कर रही है। भारत हर साल करीब 22 लाख करोड़ रुपये की फॉसिल फ्यूल (जैसे पेट्रोल-डीजल) का आयात करता है, लेकिन अब इसका विकल्प देश के किसान बन सकते हैं। किसान ग्रीन हाइड्रोजन, बायो-बिटुमिन, बायो- सीएनजी जैसे ईंधनों के निर्माता बन सकते हैं।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने 80 लाख टन कचरे से सड़कें बनवायीं। अब क्रैश बैरियर भी बांस (बम्बू) से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चीन में बम्बू की 2 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था है। इससे न केवल कपड़े और अचार बनते हैं, बल्कि इसे पावर प्लांट में "व्हाइट कोल" के रूप में उपयोग किया जाता है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एआई तकनीक से पौधों की ग्रोथ, उनकी पानी और पोषक तत्वों की जरूरतों को भी ट्रैक किया जा सकेगा। इससे वृक्षारोपण अधिक वैज्ञानिक और प्रभावशाली होगा।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए गडकरी ने कहा कि अब पराली से सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल, इथेनॉल और बायो- सीएनजी बनाए जा रहे हैं। इससे किसानों को आय भी होगी और प्रदूषण में कमी भी आएगी। दिल्ली- एनसीआर में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को लेकर उन्होंने नोएडा और यमुना प्राधिकरण के सीईओ को बुलाया और कहा कि तीन साल में इसका काम पूरा करना होगा। नितिन गडकरी ने देशवासियों से अपील की कि वे ‘एक पेड़ मां के नाम’ जरूर लगाएं और अपनी मां की ममता को हरियाली में बदलें। उन्होंने कहा कि यह न केवल भावनात्मक पहल है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक हरित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
--आईएएनएस
पीकेटी/एएस
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Created On :   8 July 2025 5:09 PM IST