'टीबी मुक्त भारत' का सपना साकार होने के करीब, पीएम मोदी ने दी खास बधाई

टीबी मुक्त भारत का सपना साकार होने के करीब, पीएम मोदी ने दी खास बधाई
भारत में टीबी के मामले 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 से 2024 में 21 प्रतिशत घटकर 187 प्रति लाख हो गए हैं, जो वैश्विक स्तर पर देखी गई गिरावट की दर से लगभग दोगुना है। टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत को मिली इस उल्लेखनीय सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।

नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में टीबी के मामले 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 से 2024 में 21 प्रतिशत घटकर 187 प्रति लाख हो गए हैं, जो वैश्विक स्तर पर देखी गई गिरावट की दर से लगभग दोगुना है। टीबी के खिलाफ लड़ाई में भारत को मिली इस उल्लेखनीय सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि टीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई उल्लेखनीय गति पकड़ रही है।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम वैश्विक क्षय रोग रिपोर्ट 2025 में बताया गया है कि भारत में 2015 से टीबी के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है और यह वैश्विक गिरावट दर से लगभग दोगुनी है। यह दुनिया में कहीं भी देखी गई सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है। उपचार कवरेज का विस्तार, मिसिंग केसों में कमी, और उपचार की सफलता में निरंतर वृद्धि भी उतनी ही उत्साहजनक है। मैं उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने इस सफलता को प्राप्त करने के लिए काम किया है। हम एक स्वस्थ और स्वस्थ भारत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत ने टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर में वैश्विक कमी (एचआईवी निगेटिव लोगों में टीबी से होने वाली मौतें) की तुलना में अधिक कमी हासिल की है।

इलाज कवरेज बढ़कर 92 प्रतिशत हो गया है, जिससे भारत अन्य उच्च-भार वाले देशों और वैश्विक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज से आगे है। यह उपलब्धि न्यू केस-फाइंडिंग पॉलिसी और देखभाल तक विस्तारित पहुंच की सफलता को दर्शाती है। 2024 में 26.18 लाख से अधिक टीबी रोगियों की पहचान की गई।

टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उपचार की सफलता दर बढ़कर 90 प्रतिशत हो गई है, जो वैश्विक उपचार सफलता दर 88 प्रतिशत से आगे है।

दिसंबर 2024 में शुरू हुए टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत, एआई-सक्षम रिपोर्टिंग वाले हाथ में पकड़े जाने वाले एक्स-रे उपकरण, विस्तारित एनएएटी बुनियादी ढांचा और जनभागीदारी जैसी नई तकनीकों के जरिए 24.5 लाख रोगियों का निदान किया गया है, जिनमें 8.61 लाख लक्षणहीन टीबी के मामले शामिल हैं।

पिछले 9 वर्षों में टीबी कार्यक्रम का वार्षिक बजट दस गुना बढ़ा है। निक्षय पोषण योजना के तहत अप्रैल 2018 से 1.37 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 4,406 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वितरित की गई है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 Nov 2025 8:53 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story