राजनीति: आतिशी ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र, 'जीएनसीटीडी संशोधन कानून 2021' निरस्त करने की मांग

नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष एवं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2021 को निरस्त करने की अपील की। उनका कहना है कि इस अधिनियम ने विधानसभा समितियों की प्रभावशीलता और उनके अधिकारों को छीन लिया है, जिससे वे जनहित से जुड़े मुद्दों पर काम नहीं कर पा रही हैं।
आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि जीएनसीटीडी संशोधन कानून 2021 ने दिल्ली विधानसभा और उसकी समितियों को राजधानी के दैनिक प्रशासनिक मामलों पर विचार करने और प्रशासनिक निर्णयों की जांच करने से रोक दिया है। इससे समितियों की भूमिका लगभग निष्क्रिय हो गई है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया, "वर्तमान में तीन महत्वपूर्ण कैग रिपोर्ट विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के विचाराधीन हैं, जिनमें दिल्ली में शराब आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन तथा वाहन प्रदूषण की रोकथाम शामिल हैं। लेकिन, इन विषयों पर जांच करने से समिति को जीएनसीटीडी संशोधन अधिनियम रोकता है।"
आतिशी ने कहा, “इन रिपोर्टों में नीतिगत और प्रशासनिक निर्णयों की समीक्षा की जानी है, जबकि 2021 के कानून के अनुसार विधानसभा समितियां ऐसा नहीं कर सकतीं। ऐसे में इन समितियों का गठन और कार्यवाही बेमानी हो जाएगी।”
उन्होंने कहा कि पूर्व में दिल्ली विधानसभा की समितियों ने कई जनहित के मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी। जैसे नालों की सफाई, सहकारी बैंकों में भ्रष्टाचार की जांच, मोहल्ला क्लीनिकों में जांच सेवाएं बहाल करवाना और वृद्धावस्था पेंशन रुकने की समस्या का समाधान।
आतिशी ने आग्रह किया, “यह एक गंभीर संवैधानिक संकट है। मैं आपसे निवेदन करती हूं कि आप इस मुद्दे को गृह मंत्रालय के समक्ष उठाएं और 'जीएनसीटीडी संशोधन कानून 2021' को निरस्त करवाने की पहल करें, ताकि दिल्ली की जनता के प्रतिनिधि जनहित में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।”
उन्होंने पत्र की प्रति को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर करते हुए लिखा, "दिल्ली विधानसभा समितियों की ताकत केंद्र सरकार के 'जीएनसीटीडी संशोधन कानून 2021' ने छीन ली थी। मैंने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार से इस कानून को निरस्त करवाया जाए, ताकि हाल में गठित समितियां दिल्ली के लोगों के लिए काम कर सकें।"
आईएएनएस
पीकेटी/एससीएच
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Created On :   6 May 2025 6:32 PM IST