दिल्ली के पुलिस आयुक्त बोले, 3 नए आपराधिक कानूनों को लागू करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण

दिल्ली के पुलिस आयुक्त बोले, 3 नए आपराधिक कानूनों को लागू करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण
नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बुधवार को कहा कि कानूनों का मसौदा तैयार करना, विशेष रूप से नए आपराधिक कानून बनाना एक चुनौतीपूर्ण प्रयास है, हालांकि इन कानूनों को लागू करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण है।

नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने बुधवार को कहा कि कानूनों का मसौदा तैयार करना, विशेष रूप से नए आपराधिक कानून बनाना एक चुनौतीपूर्ण प्रयास है, हालांकि इन कानूनों को लागू करना भी उतना ही चुनौतीपूर्ण है।

संसद द्वारा पारित नए आपराधिक कानूनों यानी भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अपनाने के लिए अधिकारियों के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान सीपी ने कहा, ''नए स्थापित कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, परिवर्तनों के अंतर्निहित कारणों और उनके पीछे के तर्क को समझना जरूरी है।''

दिल्ली पुलिस अकादमी ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (द्वारका) के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से विशेष पुलिस आयुक्तों से लेकर दिल्ली पुलिस के कांस्टेबलों तक के सभी अधिकारियों को कवर करने के लिए अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल को सावधानीपूर्वक डिजाइन किया है।

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ सत्र आयोजित कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी स्तरों पर अधिकारी नए कानूनों को लागू करने में कुशल हैं।

उद्घाटन समारोह में सीपी संजय अरोड़ा ने प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए निरीक्षकों और उससे ऊपर के प्रतिभागियों सहित आगामी परिवर्तनों को चुनौती और अवसर दोनों के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया।

सीपी ने कानूनों में बदलाव को भारतीय 'दंड' संहिता से भारतीय 'न्याय' संहिता में एक आदर्श बदलाव के रूप में उजागर किया। सीपी ने कहा कि शुरुआत में इसका ध्यान एक साथ आरोपियों को सजा दिलाने और पीड़ित को न्याय दिलाने पर था।

स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने कांस्टेबल से डीसीपी स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम के क्रमिक विस्तार पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि 5500 जांच अधिकारियों और सीसीटीएनएस ऑपरेटरों का चरण 1 प्रशिक्षण 5 फरवरी को शुरू होने वाला है, जिसका उद्देश्य बल के अत्याधुनिक अधिकारियों को नए कानूनी ढांचे को अधिसूचित होने के बाद निष्पादित करने के लिए जरूरी स्किल से लैस करना है।

चरण 1 का लक्ष्य सभी अत्याधुनिक कार्यालयों को अधिकारियों के एक प्रशिक्षित बैच के माध्यम से कानूनों में आने वाले बदलावों, इसकी नई प्रक्रियाओं और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना है।

--आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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Created On :   18 Jan 2024 1:35 AM IST

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