प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्ट्रेंथनिंग लीगल एड डिलीवरी मैकेनिज्म' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्ट्रेंथनिंग लीगल एड डिलीवरी मैकेनिज्म' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा तैयार सामुदायिक मध्यस्थता प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब न्याय सबके लिए सुलभ होता है, समय के अनुसार होता है, और सामाजिक या वित्तीय पृष्ठभूमि देखे बिना हर व्यक्ति तक पहुंचता है, तभी वह सामाजिक न्याय की नींव बनता है। लीगल एड इस बात में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि न्याय सबके लिए सुलभ हो।

उन्होंने कहा कि मुझे संतोष है कि आज लोक अदालतों और प्री-लिटिगेशन सेटलमेंट के माध्यम से लाखों विवाद जल्दी, सौहार्दपूर्ण और कम खर्च में सुलझाए जा रहे हैं।

उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को 30 वर्ष पूरे होने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय में आयोजित होने वाला यह राष्ट्रीय सम्मेलन हमारी न्याय प्रणाली को सभी के लिए और अधिक सुलभ बनाने के प्रयासों को और मजबूत करेगा।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कानूनी सहायता वितरण तंत्र की मजबूती और कानूनी प्रक्रिया देश से जुड़ा ये कार्यक्रम हमारी न्यायिक व्यवस्था को नई मजबूती देगा। मैं 20वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

उन्होंने कहा कि अब न्याय सबके लिए पहुंच योग्य हो गया है। अब समय से न्याय होता है और किसी भी तरह की सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि देखे बिना हर व्यक्ति तक पहुंचता है। तभी वह सामाजिक न्याय की नींव बनता है। कानूनी सहायता इस बात में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है कि न्याय सभी के लिए पहुंच योग्य हो।

उन्होंने कहा कि मध्यस्थता हमेशा हमारी सभ्यता का हिस्सा रही है। नया मीडिएशन एक्ट इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है, उसे आधुनिक स्वरूप दे रहा है। मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से सामुदायिक मध्यस्थता के लिए ऐसे रिसोर्स तैयार होंगे, जो विवादों को सुलझाने, सद्भाव बनाए रखने और मुकदमेबाजी को कम करने में मदद करेंगे।

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Created On :   8 Nov 2025 10:58 PM IST

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