अंक ज्योतिष कैसे होते हैं मूलांक 4 के जातक? जानिए व्यक्तित्व और स्वभाव

अंक ज्योतिष  कैसे होते हैं मूलांक 4 के जातक? जानिए व्यक्तित्व और स्वभाव
अंक ज्योतिष (न्यूमरोलॉजी) में हर अंक की अपनी एक खास पहचान होती है। कहा जाता है कि किसी व्यक्ति का स्वभाव, सोच और भाग्य उसके जन्म तारीख से जुड़ा होता है। अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है, तो आपका मूलांक 4 बनता है।

नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। अंक ज्योतिष (न्यूमरोलॉजी) में हर अंक की अपनी एक खास पहचान होती है। कहा जाता है कि किसी व्यक्ति का स्वभाव, सोच और भाग्य उसके जन्म तारीख से जुड़ा होता है। अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है, तो आपका मूलांक 4 बनता है।

इस अंक का स्वामी होता है राहु, जो अपनी रहस्यमयी और योजनाबद्ध प्रवृत्ति के लिए जाना जाता है।

मूलांक 4 वाले लोग बेहद प्रैक्टिकल और प्लानिंग में माहिर होते हैं। ये जो भी काम करते हैं, पहले उसे अच्छे से सोचते हैं, फिर पूरा ध्यान लगाकर उसे अंजाम देते हैं। इनका दिमाग तेज चलता है और ये अपनी अलग सोच के लिए जाने जाते हैं। राहु की तरह ही इनकी सोच कई बार दूसरों से बिल्कुल हटकर होती है। यही कारण है कि ये लोग किसी भी क्षेत्र में कुछ नया और अलग करने की क्षमता रखते हैं।

लेकिन, इनकी एक कमी भी होती है। ये थोड़े जिद्दी और अपनी बात पर अड़े रहने वाले होते हैं। इन्हें किसी की सलाह सुनना पसंद नहीं होता। अगर कोई इन्हें रोकने या समझाने की कोशिश करे, तो ये अक्सर अपनी ही सोच पर टिके रहते हैं। कई बार इसी स्वभाव की वजह से ये गलत फैसले भी ले लेते हैं या गलत संगत में पड़ जाते हैं।

राहु का प्रभाव इन लोगों को धन और सफलता भी दिलाता है, बशर्ते ये अपनी योजना पर टिके रहें और भावनाओं में बहने से बचें। ये लोग इमोशनल कम और लॉजिकल सोच वाले होते हैं। राजनीति, जनसंचार, बिजनेस और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में मूलांक 4 वाले लोग अच्छा नाम कमा सकते हैं, क्योंकि इनमें सिस्टमैटिक तरीके से काम करने की गजब की क्षमता होती है।

अब अगर बात करें रिश्तों की, तो मूलांक 4 वालों की सबसे अच्छी मूलांक 7 वालों से निभती है। मूलांक 7 केतु का अंक है और केतु की रहस्यमयी सोच राहु की प्लानिंग के साथ खूब मेल खाती है। दोनों मिलकर जब कोई काम करते हैं, तो कमाल कर देते हैं।

वहीं, इनकी मूलांक 2 (चंद्रमा) और मूलांक 8 (शनि) वालों से ज्यादा नहीं बनती। चंद्रमा भावनात्मक होता है और राहु योजनाबद्ध, इसलिए टकराव हो जाता है। शनि कर्म और अनुशासन में विश्वास रखता है, जबकि राहु हर काम को अपने हिसाब से करता है।

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Created On :   9 Nov 2025 8:47 PM IST

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