व्यापार: ग्लोबल रियल टाइम पेमेंट में भारत की 47 प्रतिशत भागीदारी, यूपीआई का दायरा वैश्विक स्तर पर बढ़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जोर देकर कहा कि कुल डिजिटल लेन-देन का लगभग 47 प्रतिशत भारत से होता है और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का दायरा अब वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जोर देकर कहा कि कुल डिजिटल लेन-देन का लगभग 47 प्रतिशत भारत से होता है और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का दायरा अब वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है।

इसके अलावा, भारत आज टेक्नोलॉजी और दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति का नेतृत्व कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने सीआईआई के 'एनुअल बिजनेस समिट 2025' में उदाहरण देते हुए बताया, "भारत को डिजिटल-फर्स्ट इकोनॉमी के रूप में देखा जाता है और वर्तमान में दूरसंचार क्रांति चल रही है। स्केलेबिलिटी ने संचार की लागत को कम कर दिया है, जो वर्तमान में दुनिया में सबसे कम है। देश ने दूरसंचार में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल की है और टेक्नोलॉजी स्टैक का निर्माण करने वाले चार देशों में से एक है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी पोस्टल डिपार्टमेंट को भी बदल रही है और पोस्टल सिस्टम में नई सेवाएं शुरू की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि भारत का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना एक सराहनीय उपलब्धि है।

केंद्रीय मंत्री ने भारत की प्रगति के केंद्र बिंदु के रूप में पूर्वोत्तर के महत्व को भी रेखांकित किया, जहां दशकीय विकास दर 12-13 प्रतिशत से अधिक है।

उन्होंने कहा, "देश के 8 राज्य विकसित भारत की महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने वाले इंजन के रूप में उभरेंगे।"

सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने ‘राइजिंग नॉर्थ-ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ से 4.3 लाख करोड़ रुपए के निवेश में रुचि दिखाने के लिए केंद्रीय मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में बदल रहा है, जो व्यापार, कनेक्टिविटी और विकसित भारत के लिए हमारी महत्वाकांक्षा को शक्ति प्रदान कर रहा है।

हाल ही में हुए 'राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025' में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र वैश्विक साझेदारी और आपसी हितों के केंद्र के रूप में उभरा है।

उन्होंने पिछले दिनों, दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए भारत के रणनीतिक प्रवेश द्वार के रूप में पूर्वोत्तर क्षेत्र की बढ़ती महत्ता को लेकर एक आर्टिकल भी लिखा था। इस आर्टिकल को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से भी जानकारी दी गई थी और कहा गया था कि पूर्वोत्तर क्षेत्र 2047 तक देश के 'विकसित भारत' सपने के अनुरूप 30 ट्रिलियन डॉलर विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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Created On :   30 May 2025 1:25 PM IST

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