कर्नाटक कांग्रेस में अराजक स्थिति, जवाबदेही तय होनी चाहिए वीरप्पा मोइली

कर्नाटक कांग्रेस में अराजक स्थिति, जवाबदेही तय होनी चाहिए वीरप्पा मोइली
कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर मचे घमासान और खुले टकराव पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कड़ी नाराजगी जताई है। मोइली ने इसे पार्टी के लिए “राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी” बताते हुए कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने समय पर हस्तक्षेप न करके हालात को बिगड़ने दिया।

बेंगलुरु, 28 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर मचे घमासान और खुले टकराव पर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कड़ी नाराजगी जताई है। मोइली ने इसे पार्टी के लिए “राष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी” बताते हुए कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने समय पर हस्तक्षेप न करके हालात को बिगड़ने दिया।

मोइली ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक गुटों के बीच “ऊपर-नीचे दिखाने और शक्ति प्रदर्शन” की राजनीति पर गहरी चिंता जाहिर की और कहा कि पार्टी “अराजक स्थिति में फंस गई है।”

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से फ्री-फॉर-ऑल जैसा है, लगभग अराजकता। हर समुदाय अपनी-अपनी लड़ाइयां लड़ रहा है। कुछ समुदाय तो यह तक कह रहे हैं कि वे कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। हाईकमान को तुरंत नेताओं को चुप रहने और अनुशासन में रहने के निर्देश देने चाहिए।”

वरिष्ठ नेता ने चेतावनी दी कि कांग्रेस पहले ही कई राज्यों में कमजोर स्थिति में है और यदि कर्नाटक में इस “कृत्रिम संकट” के लिए जवाबदेही तय नहीं की गई तो पार्टी सत्ता को संभाल नहीं पाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रतिद्वंद्वियों को "बुलडोज़" करने की राजनीति में माहिर है, ऐसे में कांग्रेस को अपने घर को दुरुस्त करना ही होगा।

मोइली ने जातिगत दावों और समर्थन समूहों के जरिए दबाव बनाने की प्रवृत्ति पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जातिवाद पार्टी के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है। कांग्रेस की पहचान सेक्युलरिज़्म से है, लेकिन यही अवधारणा ध्वस्त की जा रही है। नेताओं को अपनी निजी चैनलों और समुदायों के माध्यम से कैंपेनिंग बंद करनी होगी। पहले अनुशासन कायम हो, उसके बाद ही मुख्यमंत्री पद पर बातचीत हो सकती है।”

सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के समर्थकों के बीच चल रही रस्साकशी को संतुलित करने में हाईकमान मुश्किलों से जूझ रहा है। इसी बीच मोइली की यह कड़ी टिप्पणी काफी अहम मानी जा रही है।

जब संकट के समाधान के लिए संभावित “तीसरे विकल्प” पर सवाल पूछा गया तो मोइली ने कहा कि वह किसी भी गुट के समर्थन में नहीं हैं, लेकिन लॉबिंग और समुदाय आधारित राजनीति को तत्काल रोकना जरूरी है।

उन्होंने स्पष्ट कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि कौन जारी रहे या कौन बदले। पहले पार्टी में अनुशासन बहाल किया जाए, बाकी बातें उसके बाद तय की जा सकती हैं।”

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Created On :   28 Nov 2025 8:24 PM IST

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