परंपरागत कृषि विकास योजना भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग को दे रही बढ़ावा, लाखों किसानों को बना रही सशक्त

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जैसे-जैसे भारत कृषि परिवर्तन के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है, परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) ने ऑर्गेनिक फार्मिंग को मेनस्ट्रीम एग्रीकल्चर मूवमेंट में बदल दिया है। इसी क्रम में इस वर्ष जनवरी 30 तक पीकेवीवाई के तहत 2,265.86 करोड़ रुपए रिलीज किए गए हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत पीकेवीवाई के लिए लगभग 205.46 करोड़ रुपए जारी किए गए।
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि पर ऑर्गेनिक फार्मिंग हो रही है, 52,289 क्लस्टर बनाए गए हैं और इस वर्ष फरवरी तक 25.30 लाख किसान को इसका लाभ मिला है। 2023-24 में अपनाए गए मौजूदा 1.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में काम जारी है; 2024-25 में 1.98 लाख हेक्टेयर नए क्षेत्र को तीन-वर्ष के कन्वर्जन के तहत रखा गया है।
2023-24 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 50,279 हेक्टेयर और पश्चिम बंगाल में 4,000 हेक्टेयर भूमि को लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के तहत अडॉप्ट किया गया है।
डेटा के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 तक 10,000 एफपीओ के फॉर्मेशन और प्रमोशन के तहत केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत 9,268 एफपीओ का रजिस्ट्रेशन हुआ। कार निकोबार और नानकॉरी आइलैंड में 14,491 हेक्टेयर भूमि को एलएसी के तहत ऑर्गेनिक सर्टिफाइड किया गया है।
लक्षद्वीप में कुल 2,700 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि अब सर्टिफाइड ऑर्गेनिक है। सिक्किम में लगभग 60,000 हेक्टेयर भूमि को एलएसी के तहत 96.39 लाख रुपए की सहायता दी गई; अब सिक्किम एलएसी के तहत दुनिया का एकमात्र 100 प्रतिशत ऑर्गेनिक राज्य है।
दिसंबर 2024 तक, 'जैविक खेती' पोर्टल पर 6.23 लाख किसान, 19,016 स्थानीय समूह, 89 इनपुट सप्लायर और 8,676 खरीदार रजिस्टर्ड हो चुके थे।
सरकार के अनुसार, पिछले एक दशक में, पीकेवीवाई भारत के ऑर्गेनिक फार्मिंग मूवमेंट की आधारशिला बन गया है।
इसने किसानों को पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने, जैविक प्रमाणन प्राप्त करने और सस्टेनेबल प्रोडक्शन को पुरस्कृत करने वाले बाजारों से जुड़ने के लिए एक संगठित मंच प्रदान किया है।
पीकेवीवाई के तहत, ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाने वाले किसानों को तीन वर्ष की अवधि के लिए प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपए की सहायता दी जा रही है।
केंद्र के अनुसार, पीकेवीवाई का मूल आधार क्लस्टर अप्रोच है। किसानों को सामूहिक रूप से ऑर्गेनिक फार्मिंग के तरीके अपनाने के लिए 20-20 हेक्टेयर के समूहों में संगठित किया जाता है। यह मॉडल न केवल एक समान मानकों को सुनिश्चित करता है, बल्कि रिसोर्स-शेयरिंग को प्रोत्साहित कर लागत भी कम करता है।
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Created On :   6 Oct 2025 12:26 PM IST