व्यापार: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बीपीसीएल के प्रदर्शन की सराहना की

नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के प्रदर्शन की सराहना की।
सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनी ने 115 प्रतिशत क्षमता उपयोग के साथ 40.5 मिलियन मीट्रिक टन का अपना अब तक का उच्चतम रिफाइनरी थ्रूपुट हासिल किया है। इसी के साथ बीपीसीएल ने 2024-25 के लिए 13,275 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है।
केंद्रीय मंत्री ने महारत्न तेल पीएसयू के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बीपीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजय खन्ना के साथ बैठक की। खन्ना कंपनी के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "कंपनी ने 2024-25 के दौरान 51.0 एमएमटी के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 52.4 एमएमटी की अब तक की सबसे अधिक बाजार बिक्री हासिल की है। इसी के साथ कंपनी ने 115 प्रतिशत क्षमता उपयोग के साथ अब तक का सबसे अधिक रिफाइनरी थ्रूपुट 40.5 एमएमटी, 17,000 करोड़ रुपए का उच्चतम पूंजीगत व्यय, आउटस्टैंडिंग ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 6.82 डॉलर/बीबीएल और 13,275 करोड़ रुपए का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स दर्ज किया है।"
उन्होंने आगे कहा कि बीपीसीएल ने केवल 15 महीनों में बीना रिफाइनरी (मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना में स्थित एक तेल रिफाइनरी) में 5 मेगावाट की जीएच2 चालू की है, जो तेजी से और लागत प्रभावी निष्पादन के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करती है।
यह पहल भारत के ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में योगदान देने के लिए 2040 तक स्कोप 1 और स्कोप 2 उत्सर्जन के लिए नेट जीरो हासिल करने की बीपीसीएल की रणनीति का एक मुख्य हिस्सा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी को अवशोषित कर विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए अधिक संसाधन जुटाने में सरकार की मदद कर रही हैं।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा था कि सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियां वित्त मंत्रालय से घोषित पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि को अवशोषित करेंगी, क्योंकि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण उनकी इनपुट लागत कम हो गई है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने जोर देकर कहा था कि सरकार बाजार की अस्थिरता और तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय सेहत को उपभोक्ता हितों के साथ संतुलित करने की जरूरत को ध्यान में रखती है।
उन्होंने कहा था कि कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं, अगर वैश्विक रुझान अनुकूल रहे तो भविष्य में ईंधन की कीमतों में कटौती की भी संभावना हो सकती है।
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Created On :   2 May 2025 2:14 PM IST