इंडिया अब्रॉड: ब्रिटेन में भारतीय मूल का डॉक्टर तीन महिला मरीजों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया

ब्रिटेन में भारतीय मूल का डॉक्टर तीन महिला मरीजों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया
दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में भारतीय मूल के 47 वर्षीय एक पारिवारिक डॉक्टर को उसकी देखरेख में रहने वाली तीन महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया गया है। इन तीन में एक महिला कैंसर से जूझ रही है।

लंदन, 13 फरवरी (आईएएनएस)। दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में भारतीय मूल के 47 वर्षीय एक पारिवारिक डॉक्टर को उसकी देखरेख में रहने वाली तीन महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का दोषी पाया गया है। इन तीन में एक महिला कैंसर से जूझ रही है।

हाल ही में पोर्ट्समाउथ क्राउन कोर्ट में तीन सप्ताह की सुनवाई के बाद हैम्पशायर के हैवंत में स्टॉन्टन सर्जरी के पूर्व जनरल प्रैक्टिशनर मोहन बाबू को यौन उत्पीड़न के चार मामलों में दोषी ठहराया गया।

पोर्ट्समाउथ स्थित दैनिक द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर को 12 फरवरी को उसी अदालत में सजा सुनाए जाने के बाद सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया गया।

अदालत को पता चला कि यौन हमले सितंबर 2019 और जुलाई 2021 के बीच किए गए थे। सबसे कम उम्र की पीड़िता की उम्र 19 वर्ष है।

मोहन बाबू ने तीनों महिलाओं को स्टॉन्टन सर्जरी परिसर में निशाना बनाया था, जहां वह अपनी पत्‍नी के साथ काम करता था।

जूरी सदस्यों को बताया गया कि मोहन बाबू के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। उसे उसके आचरण पर बार-बार चेतावनी दी गई थी, जिसमें पीड़ितों को अनुचित तरीके से छूना और गलत कमेंट्स करना शामिल था।

क्राउन कोर्ट ने उनके पूर्व कार्यस्थल पर एक रिसेप्शनिस्ट सहित पांच अन्य महिलाओं को उसके 'अति परिचित' व्यवहार के बारे में शिकायत करते हुए सुना, लेकिन उनकी शिकायतों के बारे में आपराधिक कार्यवाही नहीं की गई।

अभियोजक मिरांदा मूरे केसी ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल 2018 में लोकम डॉक्टर के रूप में सर्जरी में शामिल होने के बाद मोहन बाबू ने महिलाओं को निशाना बनाया।

मोहन बाबू के व्यवहार के बारे में पहली शिकायत अगस्त 2019 में उनकी पत्‍नी की सिफारिश पर शामिल होने के 16 महीने बाद आई थी।

अभियोजक मूरे ने कोर्ट को बताया कि मई और अगस्त 2019 के बीच बाबू ने 57 वर्षीय एक महिला के साथ आमने-सामने परामर्श किया, जिसे जून 2019 में अग्नाशय कैंसर का पता चला था और अब उसकी मौत हो चुकी है।

महिला के मामले का हवाला देते हुए उन्होंने अदालत को बताया कि कैसे बाबू ने अनावश्यक और जांच करने के बहाने भद्दी टिप्पणियां कीं और मरीजों पर शारीरिक हमला करने के लिए अपने पेशे का फायदा उठाया।

घुटने और कूल्हे की समस्याओं का इलाज कराने वाली एक महिला मरीज ने कहा कि बाबू ने उसे गले लगाया और उसका फोन नंबर मांगा। एक जांच के बाद यह सामने आया कि कई अन्य महिलाओं ने बाबू के बारे में शिकायत की और उसकी जगह एक नए सामान्य चिकित्सक की मांग की।

मोहन बाबू ने जुलाई 2021 में स्टॉन्टन सर्जरी में काम करना बंद कर दिया और अपने खिलाफ लगाए गए सभी सात आरोपों से इनकार किया। उसे अन्य दो महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के तीन अपराधों में दोषी नहीं पाया गया।

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Created On :   13 Feb 2024 10:51 PM IST

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