कैबिनेट ने बिहार की बख्तियारपुर-तिलैया रेल लाइन के दोहरीकरण को दी मंजूरी; 2,192 करोड़ रुपए होंगे खर्च

कैबिनेट ने बिहार की बख्तियारपुर-तिलैया रेल लाइन के दोहरीकरण को दी मंजूरी; 2,192 करोड़ रुपए होंगे खर्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को बिहार में 104 किलोमीटर लंबे बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी, जिस पर कुल 2,192 करोड़ रुपए का निवेश होगा।

नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को बिहार में 104 किलोमीटर लंबे बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन खंड के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी, जिस पर कुल 2,192 करोड़ रुपए का निवेश होगा।

बिहार के चार जिलों को कवर करने वाली यह परियोजना राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा और पावापुरी जैसे प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगी, जो देश भर से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

आधिकारिक बयान के अनुसार, मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,434 गांवों और लगभग 13.46 लाख की आबादी और दो आकांक्षी जिलों गया और नवादा तक संपर्क बढ़ेगा।

यह कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और फ्लाई ऐश जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 26 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) अतिरिक्त माल का यातायात होगा।

बयान में कहा गया कि रेलवे, पर्यावरण-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन का साधन होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने में मदद करेगा। इससे महंगे तेल आयात में 5 करोड़ लीटर की कमी आएगी, जिससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।

इसके अलावा, कार्बन उत्सर्जन में 24 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो लगभग 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा।

ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को "आत्मनिर्भर" बनाएगा और उनके रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा।

इस परियोजना की योजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई है, जिसका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारकों के परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। बयान में कहा गया है कि ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।

-आईएएनएस

एबीएस/

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Created On :   24 Sept 2025 4:58 PM IST

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