राष्ट्रीय: एकल-न्यायाधीश बनाम खंडपीठ मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई

एकल-न्यायाधीश बनाम खंडपीठ मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई
कलकत्ता हाईकोर्ट में एकल-न्यायाधीश पीठ और खंडपीठ के बीच मनमुटाव पर मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस मामले पर नाराजगी जताई है।

कोलकाता, 30 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट में एकल-न्यायाधीश पीठ और खंडपीठ के बीच मनमुटाव पर मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने मंगलवार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस मामले पर नाराजगी जताई है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''जो कुछ हुआ उससे मैं दुखी और शर्मिंदा हूं। कानून के मंदिर में ऐसी चीजों की उम्मीद नहीं की जाती है।''

चूंकि कलकत्ता हाईकोर्ट देश की सबसे प्रतिष्ठित अदालतों में से एक है, इसलिए जो स्थिति विकसित हुई है उसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है।

न्यायमूर्ति शिवगननम ने कहा, "हम स्थिति को सामान्य करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि स्थिति फिर से सामान्य हो जाएगी। ऐसे समय में उनकी टिप्पणियां अत्यधिक महत्व रखती हैं जब मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है।

टकराव का मूल कारण 24 जनवरी को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा पारित एक आदेश है, जिसमें राज्य में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र के उपयोग से जुड़े मामले में सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया है।

हालांकि, बुधवार (24 जनवरी) को डिवीजन बेंच से कोई लिखित आदेश न मिलने पर जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर जांच आगे बढ़ाने को कहा। 25 जनवरी को, जब मामला फिर से न्यायमूर्ति सेन और न्यायमूर्ति कुमार की खंडपीठ के पास भेजा गया, तो उन्होंने एफआईआर को खारिज कर दिया।

यहीं से मतभेद गंभीर रूप लेने लगे। जब खंडपीठ द्वारा एफआईआर खारिज करने की जानकारी न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की पीठ तक पहुंची, तो उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने न्यायमूर्ति सेन पर राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण आदेश पारित करने का आरोप लगाते हुए उस घटना का भी जिक्र किया, जब न्यायमूर्ति सेन ने कथित तौर पर न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा को अपने कक्ष में बुलाया और पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी मामले से संबंधित मामलों पर कुछ सुझाव दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व मतभेदों का स्वत संज्ञान लिया और 27 जनवरी को शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा जारी सीबीआई जांच के निर्देशों सहित कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष लंबित सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   30 Jan 2024 9:13 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story