स्वास्थ्य/चिकित्सा: चाड में हैजा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 113

चाड में हैजा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 113
चाड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जुलाई से अब तक चाड में हैजा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 113 हो गई है।

एन'जामेना, 6 सितंबर (आईएएनएस)। चाड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जुलाई से अब तक चाड में हैजा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 113 हो गई है।

कुल 1,631 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं।

बयान में कहा गया कि ये आंकड़े जन स्वास्थ्य मंत्री अब्देलमदजीद अब्देराहिम की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान प्रस्तुत किए गए, जिसमें इस बीमारी को फैलने से रोकने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

बयान के मुताबिक चाड को हैजे के टीके की 1,120,295 खुराकें प्राप्त हुई हैं और टीकाकरण अभियान के लिए पूर्वी क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।

सरकार ने चाडवासियों से संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद के लिए स्वच्छता उपायों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है।

हैजा का पहला मामला 13 जुलाई को पूर्वी औआदई क्षेत्र के डौगुई शरणार्थी शिविर में पाया गया था। इस शिविर में लगभग 20,000 सूडानी शरणार्थी रहते हैं।

अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्रों) ने सितंबर की शुरुआत में ही चेतावनी दी थी कि बढ़ते मामलों और मौतों की संख्या के लिहाज से हैजा अफ्रीका में प्रमुख जन स्वास्थ्य चिंता का विषय बना हुआ है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में आंकड़ों के हवाले से कहा कि इस वर्ष की शुरुआत से हैजा की चपेट में 23 अफ्रीकी देशों से कुल 239,754 मामले सामने आए जबकि इससे मौतों की संख्या 5,274 थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हैजा विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु से दूषित भोजन या पानी के सेवन से होता है। यह एक वैश्विक जन स्वास्थ्य खतरा है और असमानता तथा कमजोर सामाजिक एवं आर्थिक विकास को दर्शाता है। इस बीमारी में अत्यधिक दस्त की समस्या होती है।

हैजा से पीड़ित अधिकांश लोगों को हल्का या मध्यम दस्त होता है और उनका इलाज ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) से किया जा सकता है। हालांकि, यह बीमारी तेज़ी से बढ़ सकती है, इसलिए जान बचाने के लिए जल्दी से इलाज शुरू करना जरूरी है। गंभीर बीमारी वाले मरीजों को अंतःशिरा तरल पदार्थ, ओआरएस और एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है।

विभिन्न देशों को प्रकोप ​​का शीघ्र पता लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए मजबूत महामारी विज्ञान और प्रयोगशाला निगरानी की आवश्यकता है।

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Created On :   6 Sept 2025 7:19 PM IST

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