विज्ञान/प्रौद्योगिकी: दिल्ली के डॉक्टरों ने ई-सीपीआर तकनीक से बच्‍ची को दिया जीवनदान

दिल्ली के डॉक्टरों ने ई-सीपीआर तकनीक से बच्‍ची को दिया जीवनदान
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने अत्याधुनिक ई-सीपीआर (एक्स्ट्राकोर्पोरियल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) का उपयोग कर 11 वर्षीय एक लड़की को जीवनदान दिया।

नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम ने अत्याधुनिक ई-सीपीआर (एक्स्ट्राकोर्पोरियल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) का उपयोग कर 11 वर्षीय एक लड़की को जीवनदान दिया।

लड़की को सीने में तेज दर्द की शिकायत के साथ अस्पताल लाया गया। जिसे दो अलग-अलग आपातकालीन कक्षों में पेट की समस्या बताकर दवा दे दी गई।

मरीज को हर बार पाचन संबंधी समस्या की दवा देकर जाने को कहा गया। मगर उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई।

अस्पताल में भर्ती होने के बाद शुरू में उसकी हालत स्थिर लग रही थी, लेकिन इकोकार्डियोग्राम और हृदय जांच से पता चला कि उनका हृदय अपनी सामान्य क्षमता के केवल 25 प्रतिशत पर काम कर रहा था।

उसकी हालत गंभीर हृदय समस्याओं के साथ बिगड़ती चली गई। उसका रक्तचाप भी कम होने लगा, जिससे हार्ट फेल होने का खतरा बना रहा।

उसकी गंभीर हालत को देखते हुए एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) के उपयोग करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

ईसीएमओ एक जीवन-सहायक तकनीक है जो अस्थायी रूप से ऑक्सीजन प्रदान करती है और शरीर के बाहर रक्त का संचार करती है, जिससे हृदय और फेफड़ों को आराम और उपचार में सहायता मिलती है और ई-सीपीआर ईसीएमओ का एक उन्नत अनुप्रयोग है।

डॉक्टरों ने समय रहते ईसीएमओ के इस्तेमाल का निर्णय लिया। इसके बाद मरीज में सात दिनों के बाद बदलाव देखने को मिले, लड़की का हार्ट ठीक हो रहा था।

जांच में पता चला कि मरीज को वायरल संक्रमण के कारण हृदय संबंधी समस्या आई थी, जिसे वायरल मायोकार्डिटिस के नाम से जाना जाता है।

उपचार के अंत में लड़की अस्पताल से अपने घर जा सकी। उसका हार्ट भी सामान्य रूप से काम कर रहा था।

सर गंगा राम अस्पताल में बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मृदुल अग्रवाल ने इस अत्याधुनिक तकनीक के बारे में कहा, ''ई-सीपीआर या एक्स्ट्राकोर्पोरियल कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक ऐसी तकनीक है जो गंभीर हृदयाघात के मामलों में फायदेमंद साबित होती है। यह अस्थायी रूप से हृदय और फेफड़ों के कार्यों को अपने नियंत्रण में ले लेती है, जिससे ऑक्सीजनेशन और रक्त पंप करने में मदद मिलती है, जिससे अंगों को रक्त की आपूर्ति मिलती रहती है।''

डॉ. अग्रवाल ने एक बयान में कहा, "इससे शरीर को ठीक होने के लिए महत्वपूर्ण समय मिलता है। यह उन्नत तकनीक अत्यधिक आपात स्थितियों में जीवन बचाने के लिए आवश्यक है। अगर समय रहते ईसीएमओ तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया गया होता तो शायद मरीज का बचना मुश्किल था।''

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद लड़की ने एक पेंटिंग के माध्यम से डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।

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Created On :   31 July 2024 11:58 PM IST

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