आईएएनएस न्यूज प्वाइंट: न्यूज़क्लिक विवाद दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत 9,000 पन्नों से ज्यादा की चार्जशीट दाखिल की ()
नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ 9,000 से ज्यादा पन्नों की पहली चार्जशीट दाखिल की। इनके समाचार पोर्टल पर चीन समर्थक प्रचार प्रसार के लिए पैसे लेने का आरोप है।
सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता अखंड प्रताप सिंह और सूरज राठी ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के मुद्दे पर अदालत से बाद की तारीख देने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि यूएपीए की धारा 45 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के तहत प्रतिबंधों की प्रतीक्षा की जा रही है, जिसे जल्द ही पूरक आरोपपत्र के रूप में दाखिल किया जाएगा।
प्रबीर पुरकायस्थ के साथ-साथ पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड (न्यूज पोर्टल) को भी आरोपी बनाया गया है।
आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस पर बहस के लिए पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने 16 अप्रैल की तारीख तय की है।
प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूज़क्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी गई है।
अदालत ने 9 जनवरी को अमित चक्रवर्ती को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी, क्योंकि उन्होंने माफी की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था।
उन्होंने दावा किया कि उनके पास महत्वपूर्ण जानकारी है, जिसका वह दिल्ली पुलिस को खुलासा करना चाहता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आरोपपत्र में जांच के दौरान मारे गए विभिन्न छापों के दौरान जब्त किए गए 480 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में भी जानकारी है।
सूत्रों ने बताया कि प्रबीर पुरकायस्थ पर देश को अस्थिर करने के लिए विदेशी फंड लेने का आरोप लगाया गया है।
सूत्रों ने आईएएनएस को यह भी बताया कि प्रबीर पुरकायस्थ की पहचान प्राथमिक संदिग्ध के रूप में की गई है, जबकि अमित चक्रवर्ती को गवाह की भूमिका दी गई है।
सूत्रों ने कहा कि आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने मनगढ़ंत कहानियां गढ़कर और 2019 के लोकसभा चुनावों को बाधित करने का प्रयास करके देश की स्थिरता को कमजोर करने के लिए धन स्वीकार किया।
पिछले साल 17 अगस्त को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, चीन से बड़ी मात्रा में रकम गुप्त रूप से ट्रांसफर की गई थी।
इस पैसे का भुगतान समाचार लेखों को प्रसारित करने के लिए किया गया था, जिसमें जानबूझकर भारत की घरेलू नीतियों और विकासात्मक पहलों की आलोचना की गई थी, जबकि चीनी सरकार की नीतियों और पहलों का समर्थन, वकालत और बचाव किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि न्यूज़क्लिक पर विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये हासिल करने का आरोप है।
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Created On :   30 March 2024 6:36 PM IST