स्वास्थ्य/चिकित्सा: डॉक्टरों ने संज्ञान लेने पर सुप्रीम कोर्ट का जताया आभार, जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन

डॉक्टरों ने संज्ञान लेने पर सुप्रीम कोर्ट का जताया आभार, जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मामले में तुरंत संज्ञान लेने और निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। एसोसिएशन ने स्थगित कुछ स्वास्थ्य सेवाओं को पुनः शुरू करने का भी निर्णय लिया है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। नई दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के मामले में तुरंत संज्ञान लेने और निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है। एसोसिएशन ने स्थगित कुछ स्वास्थ्य सेवाओं को पुनः शुरू करने का भी निर्णय लिया है।

एसोसिएशन ने कहा कि मौजूदा चुनौतियों के बावजूद हम फिर से मरीजों की सेवा के लिए तैयार हैं। हालांकि, स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए न्याय और व्यापक सुरक्षा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं डॉ. कुमारी अर्चना ने कहा, "कल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और संज्ञान लिया। हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं कि जो काम सरकार और प्रशासन को करना चाहिए था, वह सुप्रीम कोर्ट ने किया। हमारा प्रदर्शन अभी भी जारी है। हम आज और कल प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। लेकिन हम अपने साथियों की सुरक्षा को लेकर अभी भी डरे हुए हैं क्योंकि देश के अलग-अलग अस्पतालों में हमारे साथियों के साथ ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "सीबीआई की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में क्या सामने आता है, यह देखने के लिए हम दो दिन तक इंतजार करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 22 तारीख को है, उसके बाद हम जो भी कार्रवाई करेंगे, वह की जाएगी।"

सरकार ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया है। इस पर डॉ. कुमारी अर्चना ने कहा कि हमारे वरिष्ठ डॉक्टर आपातकालीन सेवाएं दे रहे हैं, ओपीडी में भी सेवाएं जारी हैं लेकिन आगे क्या किया जाएगा, इस पर हम 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला लेंगे।

मालूम हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की घटना में जान गंवाने वाली महिला डॉक्टर की पहचान सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से हटाने का आदेश दिया है। न्यायालय ने निर्देश दिया है कि बलात्कार के पीड़ितों की पहचान सुरक्षित रखी जानी चाहिए और प्रेस, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित मीडिया उनकी पहचान उजागर नहीं करेगा।

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Created On :   21 Aug 2024 2:38 PM IST

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