रक्षा: किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार सैनिक घायल, श्रीनगर के वन क्षेत्र में तलाशी जारी

किश्तवाड़ में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार सैनिक घायल, श्रीनगर के वन क्षेत्र में तलाशी जारी
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के चार पैरा कमांडो घायल हो गए। वहीं, श्रीनगर जिले में आतंकवादियों की तलाश में अभियान जारी है।

श्रीनगर, 10 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के चार पैरा कमांडो घायल हो गए। वहीं, श्रीनगर जिले में आतंकवादियों की तलाश में अभियान जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ के चास इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में चार पैरा कमांडो घायल हो गए।

एक अधिकारी ने कहा कि घायलों को अस्पताल भेजा गया है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है। खबर लिखे जाने तक चास इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी था।

श्रीनगर जिले के इशबर वन क्षेत्र में भी तलाशी अभियान जारी है, जहां सुबह-सुबह आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई। आतंकवादियों की संख्या दो से तीन के बीच बताई जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि इशबर वन क्षेत्र से दो-तीन लोग हथियारों के साथ दिखे थे। इसके बाद वहां गोलीबारी शुरू हो गई। सुरक्षा बलों ने इलाके में दो स्थानीय ट्रैकरों को बचाया है।

एक अधिकारी ने कहा कि इशबर में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी के बाद वहां तलाशी अभियान अभी जारी है।

इससे पहले शनिवार को बारामूला जिले के सोपोर के रामपोरा इलाके में मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था। उससे एक दिन पहले, सोपोर शहर के सागिपोरा इलाके में सुरक्षा बलों के साथ एक और मुठभेड़ में दो विदेशी आतंकवादी मारे गए थे।

कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का गृहनगर और राजनीतिक गढ़ सोपोर कभी घाटी में अलगाववादी भावनाओं का केंद्र था। हालांकि, कानून-व्यवस्था में सुधार और सुरक्षा बलों के सक्रिय आतंकवाद विरोधी अभियानों के कारण, सोपोर न केवल पिछले कुछ वर्षों में सामान्य स्थिति में लौट आया है, बल्कि यहां राजनीतिक निष्ठा में भी बदलाव देखा गया है। लोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।

सोपोर में एक के बाद एक दो मुठभेड़ों ने यह महत्वपूर्ण सच्चाई सामने ला दी है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और इसके पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाता, तब तक स्थिति गंभीर बनी रहेगी और शांति क्षणभंगुर रहेगी।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने, जो पुलिस को नियंत्रित करते हैं और जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के कार्यभार संभालने के बावजूद कानून-व्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं, हाल ही में सुरक्षा बलों को आतंकवाद और इसके समर्थकों को खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगाने का निर्देश दिया था।

खुफिया एजेंसियों का कहना है कि सीमा पार आतंकवादियों के आकाओं ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को हमले करने का निर्देश दिया है, ताकि वे समाचारों में बने रहें, चाहे उनका निशाना नागरिक हों या सुरक्षा बल।

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Created On :   10 Nov 2024 5:38 PM IST

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