स्वास्थ्य/चिकित्सा: किफायती दरों में होगा निमोनिया और एएमआर का इलाज, हैदराबाद के स्टार्टअप की मदद को सरकार ने बढ़ाया हाथ

किफायती दरों में होगा निमोनिया और एएमआर का इलाज, हैदराबाद के स्टार्टअप की मदद को सरकार ने बढ़ाया हाथ
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने निमोनिया और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के उपचार हेतु हैदराबाद स्थित एक स्टार्टअप को सपोर्ट किया है। मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने निमोनिया और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) के उपचार हेतु हैदराबाद स्थित एक स्टार्टअप को सपोर्ट किया है। मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

निमोनिया के लिए स्वदेशी एंटीबायोटिक नेबुलाइजेशन सस्पेंशन (एओएनईयूएम-04), (एंटीबायोटिक को शरीर में प्रभावी तरीके से पहुंचाता है) एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है और एएमआर को भी टारगेट करता है। 'एओडीएच लाइफसाइंसेज' इसे टीडीबी के सहयोग से बनाएगा। यह तकनीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। जो भारत को हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में ग्लोबल लीडर के तौर पर स्थापित करने में सक्षम होगा।

मंत्रालय ने कहा, "ओरल या इंट्रावेनस थेरेपी से अलग, एओएनईयूएम-04 नेबुलाइजेशन के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाओं को सीधे संक्रमित हिस्से तक पहुंचाएगा, जिससे साइड इफेक्ट का खतरा भी कम होगा।"

इसके अलावा, इसका अनूठा फॉर्मूलेशन, सस्टेंड रिलीज (दवा वितरण प्रणाली जो दवा को धीरे-धीरे, एक निर्धारित दर पर शरीर में रिलीज करती है), मजबूत म्यूकोएडहेशन (दवा सामग्री म्यूकोसा से चिपक जाती है, जिससे दवा का शरीर में प्रवेश और असर का समय बढ़ जाता है) और बायोफिल्म विघटन क्षमताओं को जोड़ता है, जिससे अपेक्षित परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद बढ़ती है और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की आशंका घटती है।

मंत्रालय ने कहा, "यह इसे भारत के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक बनाता है, जहां निमोनिया बाल मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है और एएमआर एक तेजी से उभरता हुआ हेल्थकेयर संकट है।"

उपचार अनुपालन और सामर्थ्य में सुधार लाने की सिद्ध क्षमता के साथ, यह तकनीक न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी उम्मीद जगाती है।

टीडीबी के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा, "यह प्रोजेक्ट भारत और दुनिया भर में दो गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों, निमोनिया और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस से निपटने में एक अहम पड़ाव की तरह देखी जा सकती है। एओएनईयूएम-04 को सपोर्ट कर टीडीबी किफायती और वैश्विक रूप से प्रासंगिक हेल्थकेयर सोल्यूशन प्रदान करने की भारत की क्षमता को सुदृढ़ कर रहा है।"

इस नवाचार ने पूर्व-नैदानिक ​​परीक्षणों (प्री-क्लीनिकल ट्रायल) को सफलतापूर्वक पार कर लिया है और व्यावसायीकरण से पहले ये क्लीनिकल ट्रायल चरण III से गुजरेगा।

एओडीएच लाइफसाइंसेज के प्रवर्तकों ने कहा, "टीडीबी के समर्थन से, हम एओएनईयूएम-04 को अंतिम क्लीनिकल ट्रायल के माध्यम से आगे बढ़ाने और वास्तव में रोगी-केंद्रित एंटीबायोटिक चिकित्सा को बाजार में लाने के लिए तैयार हैं। हमारा मिशन एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में योगदान करते हुए प्रभावी, सुरक्षित और किफायती उपचारों को आम जनता के लिए सुलभ बनाना है।"

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Created On :   11 Sept 2025 5:36 PM IST

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