स्वास्थ्य/चिकित्सा: आईआईटी-बीएचयू के वैज्ञानिकों ने बनाए खून का थक्का बनने से रोकने वाले नैनो पार्टिकल्स

नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी)-बीएचयू के बायोमेडिकल इंजीनियरों ने एक खास तरह के नैनो पार्टिकल्स विकसित किए हैं। यह नैनोपार्टिकल खून के थक्के बनने से रोक सकते है और थ्रोम्बोटिक विकारों (खून के थक्के जमने से होने वाली बीमारियां) का इलाज भी कर सकते हैं।
यह कम लागत वाले नैनो पार्टिकल्स ब्लड को तरल अवस्था में रखने और चिकित्सा उपकरणों की दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों की एक टीम ने नैनो पार्टिकल्स को बनाया, जिन्हें पोटेशियम फेरिक ऑक्सलेट नैनो पार्टिकल्स कहा जाता है। ये खून को जमने से रोकने में मदद करते हैं, जिसे एंटीकोगुलेशन गुण कहते हैं। इसका मतलब है कि ये खून को पतला रखने में सहायक हो सकते हैं, ताकि वह रक्त वाहिकाओं में आसानी से बहे और रुकावट न आए।
आईआईटी-बीएचयू के स्कूल ऑफ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के शोधकर्ता सुदीप मुखर्जी ने बताया कि ये नैनो पार्टिकल्स पोटैशियम फेरिक ऑक्सलेट से बनाए गए हैं। पोटेशियम रक्त वाहिकाओं और हृदय के लिए जरूरी होता है। शोध में पाया गया कि ये नैनो पार्टिकल्स रक्त को 48 घंटे तक तरल अवस्था में रख सकते हैं, जो ब्लड के सुरक्षित कलेक्शन, जांच और ट्रांसफ्यूजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए प्रयोगों में इन नैनो पार्टिकल्स की सुरक्षा और प्रभावशीलता का परीक्षण किया। परिणामों से पता चला कि ये नैनो पार्टिकल्स रक्त वाहिकाओं में क्लॉट बनने से रोकते हैं और चूहों में थ्रोम्बोसिस (रक्त जमाव) को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करते हैं। इसकी पुष्टि अल्ट्रासाउंड और पावर डॉपलर इमेज से हुई। ये नैनो पार्टिकल्स रक्त में मौजूद कैल्शियम आयनों से जुड़कर फाइब्रिन नामक प्रोटीन के बनने को रोकते हैं, जो रक्त के थक्के बनाने में मदद करता है।
शोध में यह भी पाया गया कि पार्टिकल से कोट कैथेटर (मेडिकल ट्यूब) को रक्त में रखने पर थक्के बनने से रुक गए और प्रोटीन का जमाव कम हुआ, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर हुआ।
खास बात यह है कि ये नैनो पार्टिकल्स पानी में आसानी से घुल जाते हैं और शरीर के वसा ऊतकों में जमा नहीं होते, जिससे ये सुरक्षित और जैविक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नैनो पार्टिकल्स लंबे समय तक ब्लड क्लॉटिंग को रोकने और चिकित्सा उपकरणों की दक्षता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
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Created On :   27 Jun 2025 4:36 PM IST