तंजानिया में राष्ट्रपति चुनाव हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच जीतीं सामिया सुलुहू हसन

तंजानिया में राष्ट्रपति चुनाव हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच जीतीं सामिया सुलुहू हसन
सामिया सुलुहू हसन ने तंजानिया के राष्ट्रपति चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की है। यह चुनाव ऐसे समय हुआ जब कई अहम उम्मीदवारों को जेल में डाल दिया गया या वोट देने से रोक दिया गया, जिसके बाद कई दिनों तक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।

दार एस सलाम (तंजानिया), 1 नवंबर (आईएएनएस)। सामिया सुलुहू हसन ने तंजानिया के राष्ट्रपति चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की है। यह चुनाव ऐसे समय हुआ जब कई अहम उम्मीदवारों को जेल में डाल दिया गया या वोट देने से रोक दिया गया, जिसके बाद कई दिनों तक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।

चुनाव आयोग ने सरकारी टेलीविजन पर बताया कि अंतिम नतीजों के मुताबिक हसन को 31.9 मिलियन से ज्यादा वोट मिले, जो कुल वोटों का 97.66 प्रतिशत है। देश के 37.6 मिलियन पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 87 प्रतिशत ने वोट डाले।

सरकारी टीवी के मुताबिक, शनिवार को ही शपथ ग्रहण समारोह होगा।

मुख्य विपक्षी दल चाडेमा का आरोप है कि बुधवार को चुनाव के दिन विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सुरक्षा बलों ने सैकड़ों लोगों को मार डाला।

हसन 2021 में अपने पूर्ववर्ती जॉन मागुफुली की अचानक मौत के बाद उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बनी थीं।

विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें सेना के कुछ हिस्सों और मागुफुली के सहयोगियों से विरोध का सामना करना पड़ा है, और उन्होंने इस शानदार जीत के साथ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है।

मानवाधिकार संगठनों ने उनको "आतंक को बढ़ावा" देने का भी जिम्मेदार बताया है। आरोप है कि चुनाव के अंतिम चरण में उनके इशारे पर कई हाई-प्रोफाइल लोगों को अगवा किया गया।

विपक्षी दल चाडेमा को चुनाव में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था, और उसके नेता पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया। चुनाव 29 अक्टूबर को हुए थे। देश के 272 निर्वाचन क्षेत्रों में मत पड़े थे।

स्थानीय मीडिया ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि, चुनाव के दिन वोटिंग कम रही, और कुछ पोलिंग स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शनों की वजह से रुकावट आई।

तंजानिया के अधिकारियों ने पिछली तीन रातों से देश भर में कर्फ्यू लगा रखा है और इंटरनेट भी ठप है। विदेश मंत्री महमूद थाबित कोम्बो ने शुक्रवार को इन आरोपों से इनकार किया कि सुरक्षा बलों ने जरूरत से ज्यादा बल का इस्तेमाल किया है। दावा किया कि आपराधिक तत्वों की वजह से " कुछ छोटी-मोटी घटनाएं" हुई थीं।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को एक बयान में "बल के अत्यधिक इस्तेमाल के सभी आरोपों की पूरी और निष्पक्ष जांच" की मांग की और जानमाल के नुकसान पर दुख जताया।

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Created On :   1 Nov 2025 2:36 PM IST

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