सीबीआई की बड़ी कार्रवाई जापानी नागरिकों को ठगने वाले साइबर मास्टरमाइंड द्विबेंदु मोहराना गिरफ्तार

सीबीआई की बड़ी कार्रवाई  जापानी नागरिकों को ठगने वाले साइबर मास्टरमाइंड द्विबेंदु मोहराना गिरफ्तार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध के एक नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। जांच एजेंसी ने जापानी नागरिकों को निशाना बनाने वाले तकनीकी सहायता घोटाले के मुख्य आरोपी द्विबेंदु मोहराना को 30 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध के एक नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। जांच एजेंसी ने जापानी नागरिकों को निशाना बनाने वाले तकनीकी सहायता घोटाले के मुख्य आरोपी द्विबेंदु मोहराना को 30 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया।

मोहराना को भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर भारत लौटते समय पकड़ा गया। वह मई 2025 में नोएडा में अपने अवैध कॉल सेंटर के पर्दाफाश होने के तुरंत बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भाग गया था। यह कार्रवाई ऑपरेशन चक्र-5 के तहत की गई, जिसमें सीबीआई ने जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर काम किया।

जांच में पता चला कि मोहराना नोएडा स्थित वीओआईपी कनेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर चलाता था। वहां से उसके गुर्गे जापानी नागरिकों को फोन कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के तकनीकी सहायक बनकर धोखा देते थे। पीड़ितों को कंप्यूटर में वायरस या सिस्टम फेलियर का झूठा डर दिखाकर डिजिटल वॉलेट या बैंक ट्रांसफर के जरिए पैसे ऐंठे जाते थे।

28 मई 2025 को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 19 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी। इस दौरान छह गुर्गों को मौके से गिरफ्तार किया गया और कॉल सेंटर का पूरा सेटअप जब्त किया गया। मोहराना उसी रात भुवनेश्वर से यूएई फरार हो गया था। सीबीआई ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था, जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर उसे रोका गया।

गिरफ्तारी के बाद मोहराना को ट्रांजिट वारंट पर दिल्ली लाया गया। सीबीआई विशेष अदालत ने उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है ताकि साइबर नेटवर्क के अन्य सदस्यों, फंड ट्रेल और विदेशी खातों की जानकारी हासिल की जा सके। इस मामले में सीबीआई ने अब तक कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

सभी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुका है और वे न्यायिक हिरासत में हैं। जांच से सामने आया है कि यह सिंडिकेट परिष्कृत सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल करता था। जापानी भाषा में स्क्रिप्ट तैयार कर पीड़ितों को विश्वास में लिया जाता था।

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, "यह ऑपरेशन साइबर अपराध के खिलाफ हमारी वैश्विक साझेदारी का उदाहरण है। जापान पुलिस और माइक्रोसॉफ्ट की तकनीकी मदद से हमने इस नेटवर्क को लगभग पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।"

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Created On :   1 Nov 2025 5:52 PM IST

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