अन्य खेल: मैं महानता की तलाश में हूं रैवत सागदेव

बाली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। भारत में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) विकास के शुरुआती चरण में है। इस खेल में करियर बनाना कांटों पर कदम रखने के समान है। लेकिन, माता-पिता से सहयोग न मिलने के बावजूद नागपुर के 21 साल के रैवत सागदेव इस खेल में धीरे-धीरे अपना रास्ता बना रहे हैं।
अपने करियर के शुरुआती दौर के बारे में बात करते हुए सागदेव ने कहा, "मैंने चुपचाप काम किया। शुरुआत में मुझे माता-पिता का सहयोग नहीं मिला। लेकिन, खेल को लेकर मेरी गंभीरता देखने के बाद उन्होंने दिल से मेरा साथ दिया।"
रैवत सागदेव के परिवार में किसी का भी मार्शल आर्ट या कराटे से कोई संबंध नहीं रहा। उनके पिता निजी क्षेत्र में काम करते थे, जबकि मां गृहणी थीं। हरियाणा-हिमाचल सीमा पर स्थित पिंजौर में उनका बचपन बीता। स्कूल में ताइक्वांडो और कराटे उनके सिलेबस का हिस्सा थे। यहीं सागदेव का परिचय मार्शल आर्ट से हुआ।
पांचवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उनका परिवार चेन्नई चला गया, जहां उन्हें कराटे में गहरी दिलचस्पी पैदा हुई। 12 साल की उम्र में एक पॉइंट-फाइटिंग कराटे प्रतियोगिता में उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी को नॉकआउट करने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस समय उन्हें एहसास हुआ कि वह इसी खेल के लिए बने हैं।
सागदेव एमएमए डेब्यू के अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच में ईरानी प्रतिद्वंद्वी से हार गए। लेकिन, इस हार के बाद भी उनका आत्मविश्वास कमजोर नहीं हुआ। इंजरी भी उनका आत्मविश्वास नहीं डिगा पाई।
उन्होंने कहा कि इंजरी के दो दिन बाद मैं जिम में वापस आ गया था। बस स्टूल पर बैठा और मुक्के मारने का अभ्यास किया। तीन महीने बाद, मैंने एक ग्रैपलिंग टूर्नामेंट में भाग लिया और उसके एक महीने बाद एमएमए में भाग लिया।
रैवत सागदेव ने हाल में सीएफएन 34 में मजबूत अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी को हराया था। वहीं, बाली ओपन ग्रैपलिंग टूर्नामेंट में प्रथम स्थान पर रहे थे। वह फिलहाल अलेक्सई जिगानोव से बाली एमएमए में प्रशिक्षण ले रहे हैं। अलेक्सई पेशेवर और शौकिया दोनों तरह के फाइटरों के कौशल को निखारने के लिए प्रसिद्ध हैं।
रैवत सागदेव ने कहा, "मैं जिन फाइटरों के साथ प्रशिक्षण लेता हूं, उनका समूह बहुत मजबूत है और उनमें समान विचारधारा वाले लोग हैं, जो महानता के लिए प्रयासरत हैं। मुझे पता है कि सही मार्गदर्शन और लगातार कड़ी मेहनत से हम जो हासिल कर सकते हैं, उसकी कोई सीमा नहीं है। यात्रा अभी शुरू ही हुई है। मैं प्रसिद्धि के पीछे नहीं, महानता के पीछे भाग रहा हूं।"
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Created On :   8 July 2025 11:53 PM IST