व्यापार: भारत का व्यापारिक निर्यात जुलाई में 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर रहा

नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस) इस साल जुलाई में भारत का व्यापारिक निर्यात 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 34.71 अरब डॉलर था। यह जानकारी सरकार की ओर से गुरुवार को दी गई।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, "अनिश्चित वैश्विक नीतिगत माहौल के बावजूद, जुलाई और वित्त वर्ष 26 में अब तक भारत के सेवा और व्यापारिक निर्यात में मजबूत वृद्धि हुई है, और यह वैश्विक निर्यात वृद्धि से कहीं अधिक है।"
उन्होंने बताया, "जुलाई में व्यापारिक निर्यात के प्रमुख घटक इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, दवाएं और फार्मा, जैविक और अजैविक रसायन, रत्न और आभूषण थे।"
व्यापारिक निर्यात में यह वृद्धि अगस्त के अंत में लागू होने वाले उच्च अमेरिकी टैरिफ से पहले शिपमेंट में वृद्धि के कारण भी है।
आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में आयात भी सालाना आधार पर 8.6 प्रतिशत बढ़कर 64.59 अरब डॉलर हो गया। इस महीने देश का व्यापार घाटा 27.35 अरब डॉलर रहा।
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई के दौरान, कुल निर्यात अब 3.07 प्रतिशत बढ़कर 149.2 अरब डॉलर हो गया है, जबकि आयात इस अवधि में 5.36 प्रतिशत बढ़कर 244.01 अरब डॉलर हो गया है।
बर्थवाल ने आगे कहा कि अमेरिका द्वारा घोषित टैरिफ में भारी वृद्धि के बाद, सरकार अन्य देशों को देश के निर्यात में विविधता लाने के प्रयास कर रही है। सरकार मुक्त व्यापार समझौतों को तेजी से आगे बढ़ाने और यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, ईएफटीए, ओमान, आसियान, न्यूजीलैंड, पेरू और चिली जैसे मौजूदा समझौतों की समीक्षा करने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार निर्यात प्रोत्साहन योजना को मजबूत करना चाहती है। निर्यात प्रमोशन प्रयासों के लिए विदेशों में मिशनों को संगठित करके शीर्ष 50 आयातक देशों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जुलाई के दौरान रत्न एवं आभूषणों का कुल सकल निर्यात 15.98 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ 2.18 अरब डॉलर (18,756.28 करोड़ रुपए) हो गया, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 1.88 अरब डॉलर (15,700.0 करोड़ रुपए) था।
जीजेईपीसी ने कहा कि यह तीव्र वृद्धि अगस्त से शुरू होने वाले टैरिफ खतरों से बचाव के लिए जुलाई के दौरान व्यापार गतिविधियों में तेजी के कारण हुई है। भारत त्योहारों के मौसम में प्रवेश कर रहा है और उसके बाद पश्चिम में छुट्टियों का मौसम है, इसलिए व्यापार का एक बड़ा हिस्सा जुलाई 2025 में ही समाप्त हो चुका है।
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Created On :   14 Aug 2025 6:57 PM IST