करण आनंद ने नेपोटिज्म को बताया 'बेवजह का शोर', बोले- टैलेंट और हार्ड वर्क से बनेगी बात

करण आनंद ने नेपोटिज्म को बताया बेवजह का शोर, बोले- टैलेंट और हार्ड वर्क से बनेगी बात
फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर अक्सर बहस होती रहती है। एक्टर करण आनंद ने इसे स्पष्ट तौर पर 'बेकार का शोर' बताया। प्रयागराज की गलियों से निकलकर मुंबई तक का सफर तय करने वाले करण का मानना है कि आपके अंदर टैलेंट है तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

मुंबई, 19 नवंबर (आईएएनएस)। फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर अक्सर बहस होती रहती है। एक्टर करण आनंद ने इसे स्पष्ट तौर पर 'बेकार का शोर' बताया। प्रयागराज की गलियों से निकलकर मुंबई तक का सफर तय करने वाले करण का मानना है कि आपके अंदर टैलेंट है तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

साल 2014 में रणवीर सिंह-अर्जुन कपूर स्टारर ‘गुंडे’ से डेब्यू करने वाले करण इन दिनों महिलाओं की समस्याओं, पब्लिक टॉयलेट की कमी पर आधारित फिल्म ‘जाइए आप कहां जाएंगे’ और फिल्मफेयर ओटीटी अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर नॉमिनेशन को लेकर चर्चा में हैं।

आईएएनएस से उन्होंने बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि यदि हम मेहनत करते हैं तो कोई भी रोक नहीं सकता, न नेपोटिज्म, न कुछ और।

अपने विचारों को बेबाकी से रखते हुए उन्होंने कहा, “जब मैने इंडस्ट्री में कदम रखा था तो मेरे पास कोई गॉडफादर नहीं था। न फिल्मी बैकग्राउंड, न कोई सिफारिश। सिर्फ महादेव की कृपा, माता-पिता का आशीर्वाद और अपनी मेहनत थी। आज मैं यहां हूं, इसका मतलब मेहनत रंग लाती है।”

करण का मानना है कि स्टार किड्स को शुरुआती मौका जल्दी मिल जाता है, यह सच है। लेकिन, लंबे समय तक टिकना सिर्फ टैलेंट से ही संभव है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “आज पंचायत फेम जितेंद्र कुमार, सोशल मीडिया स्टार कुशा कपिला समेत कई यूट्यूबर्स और एक्टर्स हैं, जिनके पास कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं था, फिर भी ये टॉप पर हैं। सोशल मीडिया और ओटीटी ने सबको बराबर का मौका दे दिया है। इनके कंटेंट और शानदार काम को दर्शकों ने स्वीकारा, अब रोने-धोने से कुछ नहीं होगा, अपना काम दिखाना पड़ेगा बस।”

नेपोटिज्म पर उन्होंने आगे बताया, “अगर आप किसी प्रोफेशन में सफल हैं और आपका बच्चा भी उसी फील्ड में आना चाहता है तो उसकी मदद करना गलत नहीं है। हर माता-पिता यही करते हैं। असल सवाल यह है कि वह बच्चा बाद में अपनी मेहनत से साबित कर पाता है या नहीं।”

मुंबई आने वाले नए लड़के-लड़कियों को करण का सीधा संदेश है, उन्होंने कहा, “पूरी तैयारी करके आओ। क्राफ्ट (एक्टिंग स्किल) पर दिन-रात काम करो। क्राफ्ट एक एक्टर के लिए चाकू की तरह है, उसकी धार हमेशा तेज रखो। अंदर से सच्चे रहो। टैलेंट है तो एक न एक दिन जरूर चमकोगे।”

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   19 Nov 2025 11:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story