मलकीत सिंह ने युवा कलाकारों को दी सलाह, बड़ों का सम्मान करना चाहिए

मलकीत सिंह ने युवा कलाकारों को दी सलाह, बड़ों का सम्मान करना चाहिए
गुरिंदर चड्ढा की पारिवारिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'क्रिसमस कर्मा' की हाल ही में विशेष स्क्रीनिंग मुंबई में आयोजित की गई थी। चार्ल्स डिकेंस की मशहूर कहानी 'ए क्रिसमस कैरोल' का यह बॉलीवुड स्टाइल म्यूजिकल रूपांतरण है, जिसमें ब्रिटिश और भारतीय संस्कृति का शानदार मेल देखने को मिलेगा।

मुंबई, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुरिंदर चड्ढा की पारिवारिक कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'क्रिसमस कर्मा' की हाल ही में विशेष स्क्रीनिंग मुंबई में आयोजित की गई थी। चार्ल्स डिकेंस की मशहूर कहानी 'ए क्रिसमस कैरोल' का यह बॉलीवुड स्टाइल म्यूजिकल रूपांतरण है, जिसमें ब्रिटिश और भारतीय संस्कृति का शानदार मेल देखने को मिलेगा।

फिल्म में कुणाल नय्यर, ह्यूग बॉनविल समेत कई कलाकार हैं। फिल्म में एक पंजाबी गाना है, जो मलकीत सिंह ने गाया है। मलकीत ने आईएएनएस से कई मुद्दों पर बातचीत की।

उन्होंने कहा, "फिल्म में त्योहार का माहौल है, तो मैंने उन्हें सुझाव दिया कि क्यों न इसमें एक भांगड़ा क्रिसमस सॉन्ग बनाया जाए, तो उन्हें लगा कि ये मुश्किल होगा, लेकिन मैंने कहा कि मैं खुद इसे लिखूंगा। जब उन्होंने गाना सुना तो बहुत पसंद आया।"

मलकीत सिंह का कहना है कि फिल्म के ज्यादातर गाने अंग्रेजी में हैं, ऐसे में एक पंजाबी गाना सांस्कृतिक रंग जोड़ता है, जो गुरिंदर चड्ढा हमेशा अपनी फिल्मों में करती हैं।

मलकीत ने कहा, "फिल्म में कई बेहतरीन और प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला है। मैंने भी कुछ नया आजमाया है। मुंबई में भी मैं कई बेहतरीन संगीत निर्देशकों के साथ काम कर चुका हूं। हर दौर में नए बदलाव आए और लोगों ने उन्हें पसंद किया।"

उन्होंने कहा, "मैंने कभी भी अपनी पहचान नहीं बदली है। बेशक मैं काफी समय से इंग्लैंड में हूं, लेकिन मेरी जड़ें पंजाबी संस्कृति से जुड़ी हैं। मेरी पगड़ी मेरा मान है, दुनिया में हर जगह इससे मेरी पहचान है। पंजाबी फिल्म में पगड़ी पहनने वाला मैं पहला कलाकार था। लोग मेरे लुक और आवाज दोनों को पसंद करते हैं।"

उन्होंने कहा, "हमेशा बड़ों का सम्मान करना चाहिए। हमने भी कुलदीप मानक, मोहम्मद सादिक, और सुरिंदर शिंदा जैसे दिग्गजों का सम्मान किया। नए कलाकारों को भी सीखना चाहिए और साथ रहना चाहिए। एकता से ही इंडस्ट्री मजबूत होगी। संगीत को सही तरीके से सीखें और एक पेशे की तरह ही लें। अगर नींव मजबूत होगी, तो सफर लंबा चलेगा। मेरी जड़ें लोक संगीत में हैं, इसलिए लोग आज भी मुझे सुनते हैं। नए कॉन्सेप्ट लाते रहें। लोग उसे पसंद करते हैं।"

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Created On :   4 Dec 2025 8:04 PM IST

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