राष्ट्रीय: दिल्ली में अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़

दिल्ली में अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा किया है, जो कथित तौर पर खुद को माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल जैसी शीर्ष कंपनियों के अधिकारियों के रूप में पेश कर विदेशी नागरिकों को ऑनलाइन सहायता प्रदान करने के बहाने अमेरिकी नागरिकों को ठग रहा था।

नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने का दावा किया है, जो कथित तौर पर खुद को माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल जैसी शीर्ष कंपनियों के अधिकारियों के रूप में पेश कर विदेशी नागरिकों को ऑनलाइन सहायता प्रदान करने के बहाने अमेरिकी नागरिकों को ठग रहा था।

दिल्ली पुलिस ने रविवार को बताया कि तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। जिनकी पहचान रानी बाग निवासी शुभम चौधरी (24), राजौरी गार्डन निवासी अखिल बरदिया (30) और हरि नगर निवासी राहुल गुसाईं (26) के रूप में हुई है।

पुलिस ने कहा कि 30 जनवरी को, बाहरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में विशेष सूचना प्राप्त हुई थी जिसमें बताया गया कि पश्चिम विहार इलाके में एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जो अमेरिकी नागरिकों के साथ बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी में शामिल हो सकता है। यह खुद को प्रमुख इंटरनेट कंपनियों के अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करता है और नागरिकों को एक गैर-मौजूद समस्या को हल करने के आधार पर उन्हें पैसे देने के लिए प्रेरित करता है।

बाहरी जिले के पुलिस उपायुक्त जिमी चिराम ने कहा कि इनपुट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की टीम ने पश्चिम विहार इलाके में मौके पर छापेमारी की और तीन लोगों को पकड़ लिया। ये व्यक्ति माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल के अधिकारियों का प्रतिरूपण करने के लिए अंग्रेजी नामों का उपयोग कर रहे थे।

पूछताछ के दौरान पता चला कि धोखेबाज अवैध तकनीकों, वीओआइपी कॉलिंग, लीगल इंटरनेशनल लॉन्ग डिस्टेंस (आईएलडी) गेटवे को दरकिनार करने में लगे हुए थे, और इस तरह सरकारी खजाने को गलत नुकसान पहुंचा रहे थे तथा खुद को गलत लाभ पहुंचा रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि वे अपने और अपने सहयोगियों द्वारा पैदा की गई एक गैर-मौजूद समस्या को हल करने के बहाने विदेश (यूएसए) में रहने वाले निर्दोष लोगों को धोखा दे रहे थे और इसके लिए मोटी रकम वसूल रहे थे।

डीसीपी ने कहा कि कॉल करने के लिए एक्स-लाइट जैसे उच्च स्तरीय तकनीकी सॉफ्टवेयर और टीमव्यूअर और एनीडेस्क जैसे रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन का उपयोग उनके द्वारा किया जा रहा था।

डीसीपी ने आगे कहा कि दो वाईफाई राउटर वाले पांच लैपटॉप भी पाए गए हैं। जिनका गहन विश्लेषण किया गया और पाया गया कि सभी लैपटॉप में नागरिकों से बात करने एवं उन्हें पैसे देने के लिए प्रेरित करने की स्क्रिप्ट लिखी हुई थी।

डीसीपी ने कहा, "लैपटॉप में नोटपैड और एक्सेल शीट भी थे, जिसमें पीड़ितों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी और धोखाधड़ी किए गए पैसे की डिटेल दिखाई गई थी।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   4 Feb 2024 8:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story