विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारत में मैन्युफैक्चरिंग स्पेस लीजिंग इस वर्ष जनवरी-जून की अवधि में ऑल टाइम हाई पर पहुंची रिपोर्ट

मुंबई, 19 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में मैन्युफैक्चरिंग स्पेस लीजिंग जनवरी-जून की अवधि में अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जिसमें 90 लाख वर्ग फुट मूल्य के प्रभावशाली लेनदेन दर्ज किए गए। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
जेएलएल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह 2024 की पहली छमाही (65 लाख वर्ग फुट) की तुलना में सालाना आधार पर 38 प्रतिशत की वृद्धि है और 2019 की पहली छमाही (16 लाख वर्ग फुट) के महामारी-पूर्व स्तर से छह गुना अधिक है।
भारत के आठ प्रमुख शहरों में कुल 46.3 करोड़ वर्ग फुट स्टॉक में अब ग्रेड ए वेयरहाउसिंग सुविधाओं का 55 प्रतिशत हिस्सा होने के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
2025 की पहली छमाही में बाजार में 25 मिलियन वर्ग फुट नेट अब्सॉर्प्शन दर्ज किया गया और वर्ष के अंत तक इसके 55-57 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2024 के 50 मिलियन वर्ग फुट अब्सॉर्प्शन से 12-15 प्रतिशत की शानदार वृद्धि होगी।
जेएलएल इंडिया इंडस्ट्रियल एंड लॉजिस्टिक्स हेड योगेश शेवड़े ने कहा, "भारत का इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट मार्केट एक मूलभूत संरचनात्मक बदलाव का अनुभव कर रहा है, जिसका प्रमाण 2025 की पहली छमाही में सभी लेनदेन में मैन्युफैक्चरिंग लीज का 24 प्रतिशत होना है।"
शेवड़े ने आगे कहा कि भौगोलिक संकेंद्रण भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जहां बेंगलुरु, पुणे, एनसीआर दिल्ली, चेन्नई और मुंबई सामूहिक रूप से भारत की शुद्ध मांग का 90 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं।
2025 की पहली छमाही के दौरान शुद्ध मांग में बेंगलुरु अग्रणी रहा, उसके बाद पुणे, एनसीआर दिल्ली, चेन्नई और मुंबई का स्थान रहा।
इन पांच रणनीतिक बाजारों ने मिलकर भारत की कुल शुद्ध मांग का 90 प्रतिशत प्रतिनिधित्व किया, जो देश के औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में उनके महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित करता है।
थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स सेक्टर 28 प्रतिशत के साथ मांग में शीर्ष पर बना हुआ है, इसके बाद 24 प्रतिशत के साथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का स्थान है, जिसमें ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और व्हाइट गुड्स उद्योग शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, क्वालिटी मैन्युफैक्चरिंग स्पेस की बढ़ती आवश्यकता बिल्ट-टू-सूट (बीटीएस) ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रही है, जो प्रक्रिया आवश्यकताओं/संचालन से संबंधित किरायेदार सुधारों के कारण मानक वेयरहाउसिंग सुविधाओं से 20-25 प्रतिशत अधिक मार्कअप किराया प्राप्त करते हैं।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   19 Aug 2025 1:39 PM IST