लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मानी अपनी हार जेपी नड्डा
नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सातवें और अंतिम चरण के मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस के एग्जिट पोल की चर्चा में शामिल नहीं होने की फैसले की आलोचना की। उन्होंने सातवें चरण के मतदाताओं से अपील की है कि कोई भी कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट बर्बाद न करे।
नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है और भारत की सबसे पुरानी पार्टी को उस बच्चे की तरह व्यवहार करना शोभा नहीं देता, जिसका खिलौना छीन लिया गया हो।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "सातवें चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर एग्जिट पोल में शामिल न होने का कांग्रेस का निर्णय इस बात की स्पष्ट पुष्टि है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम स्वीकार कर लिए हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि कांग्रेस आम तौर पर उस समय चुनाव से बाहर हो जाती है, जब उसे नतीजे अपने पक्ष में आने की उम्मीद नहीं होती है, अगर उसे लगता है कि उसके पास कोई बाहरी मौका भी है तो उसे कोई अफसोस नहीं होता है। उनका पाखंड किसी को भी हजम नहीं होता। सातवें चरण में कोई भी उन पर अपना वोट बर्बाद न करे।"
नड्डा ने कहा, "लेकिन, जो बात अधिक चिंताजनक है, वह दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति कांग्रेस की नापसंदगी है, जिसमें 960 मिलियन से अधिक आकांक्षाओं की भागीदारी देखी गई। जब भारतीय अपने नेता का चुनाव कर रहे थे, जो नई विश्व व्यवस्था में उनका नेतृत्व करेंगे, उनके जीवन में सुधार करेंगे, अवसर और समृद्धि लाएंगे, कांग्रेस उस संस्थागत प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए परिश्रमपूर्वक काम कर रही थी, जिस पर हमारे मजबूत लोकतंत्र की नींव टिकी हुई है। चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय, कांग्रेस ने हमारी बेहतर तरह से स्थापित चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए, बार-बार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपमानजनक मांगें की।"
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "जब कांग्रेस जीतती है तो उसे ईवीएम या चुनावी प्रक्रिया से कोई शिकायत नहीं होती। हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना इसके ताजा उदाहरण हैं। लेकिन, जब उसे हार की उम्मीद होती है तो वह लगातार विलाप करती रहती है। न केवल कांग्रेस बल्कि उसका विस्तारित इको सिस्टम, जो भारत के हितों का शत्रु भी है, शोर मचाने के लिए एक साथ आ जाते हैं और हमारे संस्थानों और प्रक्रिया में लोगों के विश्वास को कम करने के सभी प्रयास करते हैं। वे कहीं पर भी रुकते नहीं हैं। वे सर्वोच्च न्यायालय को निशाना बनाते हैं, उन न्यायाधीशों को निशाना बनाते हैं, जो उनकी पसंद के अनुसार फैसला नहीं देते हैं, उन पत्रकारों पर हमला करते हैं, जो उनके चीयरलीडर्स बनने से इनकार करते हैं, भारत के चुनाव आयोग को कलंकित करते हैं और डेटा एवं प्रक्रिया की अखंडता पर सवाल उठाते हैं।"
उन्होंने आगे लिखा, "अब एग्जिट पोल का बहिष्कार करने का फैसला करके, वे कई पेशेवर एजेंसियों द्वारा किए गए अभ्यास को सवालों के घेरे में ला रहे हैं, जिन्होंने हजारों सहयोगियों के साथ यह सामने लाने के लिए काम किया है कि लोगों ने किसके लिए वोट किया है। क्या कांग्रेस का तर्क है कि यह एक बड़ी साजिश है, जिसमें लाखों मतदाता शामिल हैं और इसका उद्देश्य अगले कुछ दिनों तक कांग्रेस का मजाक उड़ाना है, जब 4 जून को वास्तविक चुनाव परिणाम सामने आएंगे ? भारत की सबसे पुरानी पार्टी को उस बच्चे की तरह व्यवहार करना शोभा नहीं देता, जिसका खिलौना छीन लिया गया है। विपक्ष के सबसे बड़े राजनीतिक दल से एक निश्चित स्तर की परिपक्वता की उम्मीद की जाती है।"
--आईएएनएस
एसटीपी/एबीएम
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Created On :   31 May 2024 9:09 PM IST