एफपीओ से जुड़े 52 लाख से ज्यादा किसान, बेहतर दाम पाने में मिल रही मदद शिवराज सिंह चौहान (आईएएनएस साक्षात्कार)

एफपीओ से जुड़े 52 लाख से ज्यादा किसान, बेहतर दाम पाने में मिल रही मदद  शिवराज सिंह चौहान (आईएएनएस साक्षात्कार)
देश में आज 52 लाख से ज्यादा किसान एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) से जुड़ चुके हैं और इससे किसानों को फसल का बेहतर दाम पाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल रही है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दी गई।

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में आज 52 लाख से ज्यादा किसान एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) से जुड़ चुके हैं और इससे किसानों को फसल का बेहतर दाम पाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल रही है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से दी गई।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से एक विशेष साक्षात्कार में बातचीत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "देश में एफपीओ की संख्या 1,100 से अधिक हो गई है और इनसे 52 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हैं। इनका टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। एफपीओ किसानों को बेहतर दाम दिलाने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। हम इसे और ज्यादा किसानों तक पहुंचाना चाहते हैं।"

एफपीओ किसान उत्पादकों द्वारा बनाया गया एक सामूहिक संगठन है जो विभिन्न प्रकार से छोटे और सीमांत की मदद करता है।

एफपीओ किसानों को थोक इनपुट खरीद की सुविधा, बेहतर सौदा करने की क्षमता और उपज का बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने में मदद करता है।

सरकार की ओर से फरवरी 2020 के बजट में देश में 10,000 एफपीओ बनाने का ऐलान किया गया था। इसके लिए 6,865 करोड़ रुपए का बजट अगले पांच वर्षों के लिए निर्धारित किया गया था।

आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 25 में 340 एफपीओ की बिक्री 10 करोड़ रुपए को पार कर गई है। वहीं, 1,100 से अधिक किसानों की बिक्री एक करोड़ रुपए से अधिक रही थी। इन एफपीओ का संयुक्त टर्नओवर 15,282 करोड़ रुपए रहा था।

इसके अतिरिक्त, नकली खाद और घटिया बीजों को लेकर सरकार की रणनीति पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा,"नकली खाद, घटिया बीज और नकली कीटनाशक किसानों के साथ धोखा है। इसे हम बड़ा पाप मानते हैं। इसलिए सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है। फैक्ट्री सीलिंग से लेकर बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा, क्योंकि किसानों के हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है।"

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Created On :   12 Oct 2025 1:27 PM IST

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