राजनीति: भाजपा का उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग का दावा, कांग्रेस के लिए 'चिंतन...'

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को मिली जीत के बाद भाजपा ने क्रॉस वोटिंग का दावा किया है। भाजपा का कहना है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्ष की ओर से 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। भाजपा के दावे पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने सफाई दी और कहा कि यह गर्व या अहंकार की बात नहीं है बल्कि चिंतन और विचार का विषय है।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि 'क्रॉस वोटिंग' जैसे शब्द का इस्तेमाल गलत है। यह गर्व या अहंकार की बात नहीं है, बल्कि यह चिंतन और विचार का विषय है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के साथ हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस पद की गरिमा बनी रहे और यह कार्यालय पक्षपात से मुक्त होकर राष्ट्र के सामने एक उदाहरण पेश करे। मैं एनडीए उम्मीदवार को जीत की बधाई देता हूं और मैं यह कह सकता हूं कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों का कनेक्शन हमारे राज्य झारखंड से है। मैं उनसे यही कामना करता हूं कि वे अपनी गरिमा को बरकरार रखने का काम करेंगे।"
उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि आशाएं बहुत होती हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार की बात कही थी, लेकिन वे सिर्फ 240 सीट ही जीत पाए। 15 सांसदों द्वारा क्रॉस वोटिंग की बात सामने आई है, लेकिन मैं मानता हूं कि यह कोई चिंता का विषय नहीं है। हमारे साथ करीब 300 सांसद हैं और प्रतिशत के नजरिए से देखें तो पिछली बार हमें 22 प्रतिशत वोट मिला था, जो इस बार बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया है। राहुल गांधी ने संविधान बचाने के लिए एक अभियान छेड़ा है और इसके लिए हमारा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। जो लोग हम पर हंस रहे हैं, मैं उनसे यही कहूंगा कि हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है, जिससे हमारे संघर्ष को और भी बल मिलेगा।"
नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा, "किसी भी समाज में हिंसा का कोई औचित्य नहीं है। गांधी की भूमि भारत शांति का पक्षधर है। आज भी हिंसा अस्वीकार्य है। चाहे वह बांग्लादेश, श्रीलंका हो या नेपाल, भारत की जिम्मेदारी है कि वह स्थिरता लाने में भूमिका निभाए। नेपाल में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शांति बहाल करना इस कर्तव्य का हिस्सा है।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर हम भारत के पड़ोसी देशों को देखें, तो बांग्लादेश में अशांति, नेपाल में उथल-पुथल, पाकिस्तान में लंबे समय से अस्थिरता और श्रीलंका में भी समस्याएं देखने को मिली हैं। यह स्वाभाविक है कि इससे चिंता होती है। यही कारण है कि मैंने कहा कि यह एक संकेत है और हमें इसे समझना होगा।"
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Created On :   10 Sept 2025 12:10 PM IST