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Jabalpur News: जैव विविधता के लिए तेंदुए की मौजूदगी है अच्छी, इसे सिर्फ खतरा न मानें

- नजरिया } डुमना और नया गांव के आसपास दिखाई देते हैं तेंदुए, किसी के लिए दहशत तो किसी के लिए कौतुहल
- तेंदुआ मनुष्य के साथ एक ही इलाके में बिना नुकसान पहुंचाए रह सकता है।
Jabalpur News: शहर से लगे कुछ इलाकों में तेंदुओं की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है। किसी के लिए यह दहशत का पर्याय है, तो किसी के लिए कौतुहल का विषय... लोगों का अपना-अपना नजरिया है। लेकिन जानकारों का कहना है कि बायोडायवर्सिटी में तेंदुए की अहम भूमिका है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार तेंदुआ केवल घने पहाड़ी जंगलों में रहता है जिससे यह पता चलता है कि वह इलाका जैव विविधता से परिपूर्ण है। निशाचरी होने और छिपने में महारत होने के कारण इसे देखना बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। कुछ लोग इसे "घोस्ट ऑफ द जंगल' यानी जंगल का भूत भी बोलते हैं क्योंकि यह भूत की तरह कब कहां दिख जाए, कोई भरोसा नहीं होता। बहरहाल बायोडायवर्सिटी बेहतर है तो आने वाली पीड़ियों के लिए एक स्वच्छ वातावरण मिलेगा, इसलिए तेंदुए को खतरा समझने की जरूरत नहीं है।
मौसम चक्र के हिसाब से बदलता है जगह
नया गांव एरिया में इसकी उपस्थिति शुरू से थी, नया गांव उस परिवेश में बसाया गया है जो कि भौगोलिक रूप से जंगल का ही एक भाग है, तिलवारा से लेकर मदन महल के पहाड़ों तक इसका इलाका माना जाता है, जिसके साक्षी यहां के पुराने लोग स्वयं है। तेंदुआ मौसम के अनुसार अपनी जगह बदलता रहता है, इस समय ठाकुरलाल में देखा जा रहा है, जो जबलपुर जिले का शहर के भीतर का सबसे बड़ा जंगल है।
डुमना के नजदीकी गांवों में रहती है मौजूदगी
तेंदुआ मनुष्य के साथ एक ही इलाके में बिना नुकसान पहुंचाए रह सकता है। सिटीजन फॉर नेचर एंड कंजर्वेशन सोसायटी के सदस्य अमन विलियम्स, संजय गुप्ता, हिमांशु यादव, डॉ. विजय सिंह यादव का कहना है कि कई सालों से देख रहे हैं कि डुमना के आसपास के गांव (काकरतला, गधेरी, पडरिया, अमझर, परियट आदि ) में ग्रामवासियों के आसपास तेंदुओं की मौजूदगी रहती है। गांव के लोग दिन में अपने काम करते हैं, शाम को घर आ जाते हैं। रात में तेंदुओं को घरों के आसपास रोज ही कई वर्षों से घूमते देख रहे हैं, पर आज तक एक भी घटना नहीं देखी गई।
किन स्थितियों में कर सकता है मनुष्य पर हमला
अगर हम इसके इलाके में घुसने की कोशिश करे।
अगर मादा तेंदुआ को लगता है कि आपकी गौजूदगी उसके बच्चे के लिए खतरा है।
अगर मनुष्य अकेला झुक कर बैठा हो और तेंदुआ भ्रमवश उसे खरगोश या हिरण समझ ले, तब इस तरह की स्थिति में तेंदुआ हमला कर सकता है।
इनका करते हैं शिकार
तेंदुए छोटे जीव जैसे - छोटे हिरण, खरगोश, लड़इये, कबरबिज्जू, चूहे, पक्षी, कुत्ते, चमगादड़ों आदि का शिकार करते हैं। यह मनुष्य का शिकार नहीं करते हैं। अधिकतर मामलों में देखा गया है कि ये मनुष्य के आसपास के जंगलों में रहते जरूर हैं, पर मनुष्यों से बहुत शर्माते हैं। मनुष्यों को देखते ही भाग जाते हैं।
Created On :   10 Sept 2025 4:10 PM IST