Jabalpur News: अस्पताल के खुले सेप्टिक टैंक ने बुझा दिए घर के चिराग डूबे दो मासूम सगे भाई

अस्पताल के खुले सेप्टिक टैंक ने बुझा दिए घर के चिराग डूबे दो मासूम सगे भाई
मनमोहन नगर अस्पताल परिसर में हुआ हृदय विदारक हादसा, रेस्क्यू कर निकाले गए शव, देखते ही बिलख उठे परिजन

Jabalpur News: बेलगाम और लापरवाह व्यवस्था आए दिन किसी न किसी की जान ले रही है। कोई झूलते हुए तारों के करंट से काल कवलित हो रहा है, तो कोई अन्य लापरवाहियों से मौत के मुंह में समा रहा है। रविवार शाम एक और ऐसा वाकया सामने आया जिसे देख लोगों की रूह कांप उठी, आंखों से आंसू बह निकले। कृषि उपज मंडी के समीप स्थित मनमोहन नगर सामुदायिक अस्पताल परिसर में खुले सेप्टिक टैंक ने एक घर के चिराग बुझा दिए। झाड़ियों के बीच खुले पड़े टैंक में डूबने से दो मासूम सगे भाइयों की मौत हो गई।

मासूमों को देखकर परिजन ही नहीं कॉलोनी के लोग भी बिलख पड़े। राजेश विश्वकर्मा मूल रूप से कुंडम के समीप देहरी खुर्द गांव के रहने वाले हैं। वे त्रिमूर्ति नगर में अपनी पत्नी और दोनो बच्चों सहित रहकर मजदूरी करते हैं। रविवार शाम 5.30 बजे राजेश के पुत्र विनायक उर्फ तन्नू विश्वकर्मा 12 वर्ष और कान्हा विश्वकर्मा 10 वर्ष मनमोहन नगर अस्पताल के बाहर क्रिकेट खेल रहे थे, तभी उनकी बॉल अस्पताल परिसर के अंदर चली गई। दोनों भाई बॉल निकालने के लिए बाउंड्री कूदकर अस्पताल में घुसे। अस्पताल की बाउंड्री से लगकर ही सेप्टिक टैंक बना हुआ है, जो खुला हुआ था। उसके ऊपर झाड़ियां उग आने के कारण कुछ नजर नहीं आया और दोनों भाई टैंक में गिर गए।

सक्शन मशीन से खाली कराया टैंक

घटना की सूचना मिलते ही नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश अहिरवार ने तुरंत फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर भेजी। दमकल कर्मियों ने कांटे की मदद से बच्चों को तलाश किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्शन मशीन लेकर पहुंची। सक्शन मशीन के जरिए जब टैंक को खाली कराया गया, तो दोनों भाइयों के शव मिल गए। लगभग एक घंटे तक रेस्क्यू चला। निगमायुक्त ने सेप्टिक टैंक के खुले ढक्कनों को बंद कराने के आदेश जारी कर दिए हैं।

चप्पल से लगा बच्चों का सुराग

बताया गया है कि शाम 6.30 बजे तक जब बच्चे घर नहीं पहुंचे तो पिता राजेश विश्वकर्मा और मां किरण विश्वकर्मा ने बच्चों को तलाशना शुरू किया। आसपास के बच्चों ने बताया कि विनायक और कान्हा बॉल ढूंढने के लिए मनमोहन नगर अस्पताल परिसर में गए थे। पिता और अन्य लोग जब अस्पताल के सेप्टिक टैंक के पास पहुंचे वहां पर बच्चों की चप्पलें मिलीं।

दस साल बाद भी टैंक में नहीं लगा पाए ढक्कन

मौके ṭपर मौजूद लोगों ने बताया कि अस्पताल को बने करीब 10 साल हो चुके हैं, लेकिन उसका सेप्टिक टैंक खुला ही पड़ा था। यहां अन्य स्थानों पर भी चैम्बर खुले पड़े हैं। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि सेप्टिक टैंक के खुले ढक्कनों को बंद करने के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटना की सूचना मिलते ही नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा और पूर्व पार्षद जितिन राज मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा है कि जिला अस्पताल और नगर निगम की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई है। बच्चों को न्याय दिलाने के लिए सोमवार सुबह 10 बजे मनमोहन नगर अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।

सफाई ठेकेदार सेवा से बर्खास्त

सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि मनमोहन नगर अस्पताल में दो बच्चों की मौत का हादसा दुखद है। हादसे के बाद प्रथम दृष्टया लापरवाही मानते हुए अस्पताल के सफाई ठेकेदार गौरव पिल्लई को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। अस्पताल परिसर बाउंड्रीवॉल से घिरा हुआ है। इसके पूर्व भी शिकायतें आई थीं कि सेप्टिक टैंक के ढक्कन चोरी हो गए हैं। क्रिकेट खेलते हुए बच्चों की गेंद परिसर में आ जाती है। जिसे लेने के लिए बच्चे बाउंड्री कूदकर भीतर आ जाते हैं।

पीड़ित परिवार को बंधाया ढांढस

दुखद हादसे के बाद लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, विधायक डॉ. अभिलाष पांडे, विधायक संतोष बरकड़े, कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह, एसपी संपत उपाध्याय, पार्षद रेणु कोरी, पूर्व विधायक विनय सक्सेना रात में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर ने पीड़ित परिवार को 8 लाख रु. की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।

Created On :   27 Oct 2025 7:05 PM IST

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